राष्ट्रीय लोक अदालत में 7,44,34,309 रूपए राशि के अवार्ड हुए पारित
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर के तत्वाधान में जिला मुख्यालय एवं अधीनस्थ तालुकाओं गंगापुर सिटी, बौंली, खण्डार एवं बामनवास पर आज शनिवार को वर्ष की तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रकरणों की आपसी सहमति से निस्तारण हेतु जिले में कुल 9 बैंचों का गठन किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ जिला मुख्यालय पर अतुल कुमार सक्सेना अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) सवाई माधोपुर द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। अतुल कुमार सक्सेना अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सैशन न्यायाधीश) सवाई माधोपुर द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यह एक ऐसा मंच है, जहां न्यायालयों में लंबित वाद-विवाद व मुकदमे या प्री-लिटिगेशन चरण के मामलों का सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटारा किया जाता है।
लोक अदालत का सबसे बड़ा गुण निःशुल्क तथा त्वरित न्याय है। ये विवादों के निपटारे का वैकल्पिक माध्यम है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश का कोई भी नागरिक आर्थिक या किसी अन्य अक्षमता के कारण न्याय पाने से वंचित न रह जाए। लोक अदालत को अमल में लाने के दो मुख्य कारण है, पहला यह कि आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से बहुत सारे लोग न्याय पाने के लिए संसाधन नहीं जुटा जाते। दूसरा अगर वह कोर्ट तक पहुंच भी जाते हैं, तो बड़ी संख्या में मुकदमे लंबित और अपूर्ण होने के कारण उनको समय से न्याय नहीं मिल पाता। लोक अदालत विवादों के निपटान के प्रभावी तरीकों में से एक है क्योंकि लोक अदालत में मुकदमों के निपटान से न किसी की हार और न किसी की जीत होती है। लोक अदालत विवादों को निपटाने का वैकल्पिक साधन है, जहां विवादों का आपसी सहमति से निपटारा किया जाता है।
ये अदालतें अनौपचारिक, सस्ता और सुलभ न्याय प्राप्ति के लिए एक बेहतरीन मंच प्रदान करता है। यहां पर बातचीत, मध्यस्थता एवं वादियों की समस्याओं के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर विशेष रूप से प्रशिक्षित एवं अनुभवी विधि अभ्यासियों द्वारा मामले निपटाए जाते हैं। लोक अदालत में कोई अदालती फीस नहीं लगती और अगर किसी पक्ष द्वारा अदालती फीस का भुगतान कर दिया गया हो तो लोक अदालत में मामला निपटने के बाद राशि लौटा दी जाती है। इसके अलावा इसमें समय भी कम लगता है और ये तकनीकी उलझनों से मुक्त होता है। यहां सभी पक्ष अपने वकीलों के माध्यम से न्यायाधीश से सीधे संवाद कर सकते है।
यहां पर संबंधित पक्ष अपने मतभेदों पर खुलकर चर्चा कर सकते है जो कि विवाद सुलझाने में सहायक सिद्ध होती है। लोक अदालत कम से कम समय में विवादों को निपटाने के लिए एक आसान और अनौपचारिक प्रक्रिया का पालन करती है। लोक अदालत का आदेश या फैसला आखिरी होता है इसके फैसले के बाद कहीं भी अपील नहीं की जा सकती है। लोक अदालत सभी दीवानी मामलों, वैवाहिक विवाद, भूमि विवाद, बंटवारे या संपति विवाद, श्रम विवाद आदि गैर आपराधिक मामलों का निपटारा करती है तथा राष्ट्रीय लोक अदालत में राजस्व संबंधी प्रकरणों को भी शामिल किया गया है।
इस अवसर पर सुरेश कुमार ओला जिला कलेक्टर सवाई माधोपुर, सुनील कुमार विश्नोई जिला पुलिस अधीक्षक सवाई माधोपुर, एसके पाराशर न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय सवाई माधोपुर, श्वेता गुप्ता सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर, कृष्णा राकेश कांवत अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सवाई माधोपुर, अरविन्द कुमार प्रिन्सीपल मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड सवाई माधोपुर, जगन्नाथ चौधरी अध्यक्ष अभिभाषक संघ सवाई माधोपुर के पदाधिकारीगण व अन्य अधिवक्तागण सहित आमजन उपस्थित थे। श्वेता गुप्ता सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में जिलें में प्रिलिटिगेशन स्तर के बैंक वसूली के 297, जनउपयोगी सेवाओं के 5, बिजली सेवाओ में 212 प्रकरण राशि 3300905 रूपये, बीएसएनएल सेवाओ में 5 प्रकरण एवं अन्य राजीनामा योग्य सहित कुल 514 प्रकरणों का निस्तारण किया गया, जिनमें 23197610 राशि के अवार्ड पारित किये गये।
जिला मुख्यालय पर एमएसीटी प्रकरणों में कुल 37 प्रकरणों का निस्तारण किया जाकर 8286000 रूपये, उपभोक्ता मामलों के 18 प्रकरण एवं तालुकाओं पर एमएसीटी प्रकरणों में कुल 12 प्रकरणों का निस्तारण किया जाकर 1815000 रूपये इस प्रकार एमएसीटी के कुल 49 प्रकरणों का निस्तारण किया जाकर कुल 10101000 रूपये का अवार्ड पारित किया गया। जिलें में लोक अदालत की भावना से आपसी समझाईश व राजीनामा के माध्यम से कुल 43000 प्रकरणों का निस्तारण किया जाकर कुल 74434309 रूपये की राशि के अवार्ड पारित किये गये। श्वेता गुप्ता सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर ने बताया कि इसी प्रकार तालुका बामनवास में फौजदारी के 54, पारिवारिक मामलों के 10 प्रकरण राशि 337000 रूपए तथा सिविल के 1 प्रकरण, एनआई एक्ट के 2 प्रकरण राशि 490000 रूपये इस प्रकार कुल 67 प्रकरणों निस्तारित कर 827000 रूपये के अवार्ड पारित किये। तालुका खण्डार में फौजदारी के 7 प्रकरण, पारिवारिक प्रकरण 3 राशि 4800 रूपये एवं सिविल के 2 प्रकरण इस तरह 12 प्रकरण निस्तारित कर 4800 रूपये के अवार्ड पारित किये।
तालुका बौंली में फौजदारी के 80 प्रकरण, एनआई एक्ट के 1 प्रकरण राशि 79000, पारिवारिक प्रकरण 18 राशि 407000 रूपये एवं सिविल का 5 प्रकरण निस्तारित किये। तालुका गंगापुर सिटी में फौजदारी के 253 प्रकरण, एनआई एक्ट के 33 प्रकरण राशि 16823783 रुपए, पारिवारिक प्रकरण 7, मेट्रीमोनियल के 51 एवं सिविल का 46 प्रकरण , एमएसीटी के 12 राशि 1815000 रूपये तथा कल 410 प्रकरण निस्तारित कर 18638783 रूपये के अवार्ड पारित किये। अतुल कुमार सक्सेना अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर एवं श्वेता गुप्ता सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर ने समस्त न्यायिक अधिकारीगण, प्रशासनिक अधिकारीगण एवं अधिवक्तागण का धन्यवाद ज्ञापित कर लोक अदालत का समापन किया गया।
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