बामनवास उपखंड की उप तहसील भांवरा में मौजूदा समय में अतिरिक्त ऑफिस कानूनगो के पद पर एवं तत्कालीन समय में बरनाला उप तहसील में पटवारी के पद पर कार्यरत रमेश चंद मीणा के खिलाफ कूट रचित दस्तावेजों का डर दिखाकर किसान से करीब डेढ़ लाख रुपए वसूलने के मामले को लेकर किसान ने बाटोदा थाने में मामला दर्ज कराया है।
बैराड़ निवासी किसान मुरारी लाल पुत्र नाथू लाल गुर्जर ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए बताया कि वर्तमान में उप तहसील भांवरा में पदस्थापित अतिरिक्त ऑफिस कानूनगो रमेश चंद मीणा वर्ष 2014 में हल्का पटवारी के पद पर कार्यरत था। उसी दौरान उसने गलत व अनुचित तरीके से धनराशि ऐंठने के उद्देश्य से तहसीलदार बामनवास के नाम से एक कूट रचित लेटर तैयार किया एवं 10 सितंबर 2014 को पीड़ित किसान को सौंप दिया। इसके बाद ग्राम बैराड़ आकर आराजी खसरा 1161 रकबा 0.75 हेक्टेयर, 1162 रकबा 1162 रकबा जीरो पॉइंट 12 हेक्टेयर 1164 रकबा 0 पॉइंट 12 हेक्टेयर 1165 रकबा 0.51 कुल किता 4 कुल रकबा 0.8 के खातेदार कैलाश फूला मुरारी मोहन पुत्र नाचा गुर्जर की खातेदारी भूमि का अब्दुल रहमान के प्रकरण सिवायाचक तैयार कर इस कार्यालय को अविलंब पेश करने का ब्यौरा दिया गया था। वही किसान पर इस प्रकार का दबाव बने इसको लेकर कार्यालय को अविलंब पेश कर ब्यौरा दिए जाने का भी हवाला दिया गया था।
उस पत्र पर तहसीलदार बामनवास के कार्यालय की मोहर थी एवं लेटर मिलने के बाद परिवादी ने उसे अपने भाइयों को दिखाया। हल्का पटवारी ने कहा कि यदि डेढ़ लाख रुपए दे देंगे तो तहसीलदार से बात कर मामले को रफा-दफा करा देगा तथा खातेदारी भूमि को सिवायाचक भी नहीं होने देगा। जिस पर परिवादी के सामने अपने भाइयों से चर्चा कर भूमि को सिवायचक होने से बचाने के लिए पटवारी को 5 दिनों के बाद ही डेढ़ लाख रुपए भी दे दिए।
लेकिन जब पीड़ित किसान किसी कार्य से तहसील कार्यालय पहुंचा तो इस प्रकरण की चर्चा होने पर इस मामले का खुलासा हुआ। किसान द्वारा ऐसे पत्र के बारे में जानकारी लेने पर तहसील में कार्मिकों द्वारा इस प्रकार के किसी भी पत्र जारी नहीं होने की बात कही गई। जब किसान को पता पड़ा है कि इस फर्जी लेटर के माध्यम से तत्कालीन पटवारी व मौजूदा अतिरिक्त ऑफिस कानूनगो द्वारा उससे ठगी कर ली गई तो किसान द्वारा तत्कालीन पटवारी अतिरिक्त ऑफिस कानूनगो रमेश चंद्र मीणा से पैसे मांगे गए। इस पर किसान को तत्कालीन पटवारी व अतिरिक्त ऑफिस कानून भांवरा द्वारा इस मामले की किसी से भी चर्चा नहीं करने की कहते हुए कुछ समय बाद ब्याज सहित पैसा लौटा देने का वादा किया था। लेकिन पीड़ित किसान द्वारा कई बार पैसे मांगने के बावजूद भी पैसे नहीं देने एवं दोबारा पैसा मांगने पर झूठे मामले में फंसाने की धमकी देने के बाद पीड़ित किसान द्वारा तत्कालीन पटवारी रहे वह मौजूदा समय में भावरा उप तहसील के अतिरिक्त ऑफिस कानूनगो के खिलाफ खातेदारी की भूमि को सिवायचक में तब्दील करने की धमकी देकर करीब डेढ़ लाख रूपए कूट रचित दस्तावेजों के माध्यम से हड़पने का आरोप लगाते हुऐ बडौदा थाने में मामला दर्ज कराया है।