भगवान महावीर का 2550वां निर्माण एवं भगवान गौत्तम स्वामी केवल ज्ञान दिवस महोत्सव
आकाश में झिलमिल झिलमिल जगते तारे और धरती पर जगमगाते जलते दीप मानो पृथ्वी और आकाश अपना रूप संवार रहे हों अथवा दोनों किसी विशेष आनन्द में नहा रहे हो। घरों, गलियों, बाजारों और हाट दुकानों पर दीप मालाएं स्नेह पी-कर नाच रही है। सजे संवरे हुए बालक, युवा और वृद्ध नगर एवं ग्राम की शोभा देखने निकल रहें है। पताकाओं से अलंकृत घरों और मंदिरों की शोभा किसी बात की सूचना दे रही है। आज स्वर्ग से देव पृथ्वी पर उतर रहें है। वे जन-जन के आराध्य वर्तमान शासन नायक और अहिंसा के अवतार भगवान महावीर की निर्वाण पूजा के लिए एक हो रहे है। क्योंकि यह पर्व देवाधिदेव भगवान वर्धमान का 2550 वां परिनिर्माण का दिन है।
इस बार भगवान महावीर स्वामी के संदेशों को घर-घर तक पहुंचाने की मुहिम भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री महोदय के मार्गदर्शन में निर्माण महोत्सव को राष्ट्रीय स्तर पर मनाने का निर्णय कर जैन समुदाय को अनूठा उपहार दिया है जिसके कारण इस अवसर पर दोहरी खुशी है यह अभियान 13 नवम्बर से शुरू होकर एक वर्ष के लिए भगवान महावीर स्वामी के संदेशों को समर्पित रहेगा। “जियो और जीने दो …..जैसे उनके मानव कल्याण के संदेशों को घर-घर तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। भारत वर्ष के अल्पसंख्यक वर्ग का जैन समुदाय केन्द्र सरकार के इस निर्णय का तहेदिल स्वागत और प्रशंसा करते हुए केन्द्र और राज्य सरकार का आभार प्रकट करता है। भगवान महावीर स्वामी के मोक्ष कल्याणक महोत्सव पर ब्लॉक के सभी जैन मन्दिरों में विशेष आयोजन किया गया।
पिपलाई स्थित श्री दिगम्बर जैन मन्दिर में सोमवार को जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर एवं वर्तमान शासन नायक भगवान महावीर का निर्माण महोत्सव बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया। मन्दिर में श्रावक – श्राविकाओं ने समाजसेवी बृजेन्द्र कुमार जैन और सुनिल कुमार जैन के मार्गदर्शन में भगवान महावीर स्वामी की मूर्ति के समक्ष निर्माण लाडू चढ़ाया गया l मन्दिर में श्रद्धालुओं ने उपस्थित होकर पूरे श्रद्धा एवं भक्ति के साथ पूजन विधान किया एवं भगवान को निर्वाण लड्डू अर्पित किया। इस आयोजन को लेकर सुबह 5 बजे से मन्दिर में चहल पहल प्रारंभ हो गई थी श्री जी के अभिषेक के बाद निर्माण महोत्सव का पूजन कर श्रावक -श्राविकाओं ने भगवान के समक्ष आत्म कल्याण की कामना की। इस अवसर पर रमेश चन्द जैन एवं विनोद कुमार जैन ने बताया कि जैन धर्म विश्व का एक मात्र ऐसा धर्म है जो यह कहता है कि आप भी भगवान बन सकते है। जैन धर्म में लक्ष्मी का अर्थ होता है निर्वाण (मोक्ष) और सरस्वती का अर्थ होता है कैवल्यज्ञान इसलिए भगवान महावीर स्वामी का निर्वाण उत्सव मनाते है दीपावली के दिन भगवान महावीर स्वामी को मोक्ष लक्ष्मी की प्राप्ति हुई और गौतम गणधर को कैवल्यज्ञान की सरस्वती की प्राप्ति हुई l इसलिए इस दिन लक्ष्मी और सरस्वती की पूजा की जाती है।
इस अवसर पर सभी श्रावक-श्रार्विकाओं ने वीर निर्वाण संवत् 2550 “जैन नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं एक दूसरे को प्रदान की इस अवसर पर वयोवृद्ध समाजसेवी राधेश्याम जैन ने बताया कि महावीर का निर्माण संवत् वर्तमान में चल रहे विक्रम संवत् से भी अधिक प्राचीन है। इस अवसर पर महिला युवा मण्डल की सदस्य एकता जैन ने सम्पूर्ण जैन समुदाय से अपील करते हुए बताया कि मतदान आपका हक है और नैतिक जिम्मेदारी भी लोकतंत्र के महापर्व 25 नवम्बर को विश्व के सबसे बड़े और महान लोकतंत्र के इस पावन यज्ञ में शत-प्रतिशत मतदान कर अपनी भूमिका का निर्वहन कर अन्य मतदाताओं के लिए प्रेरणा बने। सम्पूर्ण जैन समुदाय का यह योगदान भारतीय लोकतंत्र को और सशक्त करने में उल्लेखनीय भूमिका के तौर पर दर्ज होगा। इस अवसर पर मुकेश जैन, आशा जैन, सुमनलता जैन, ललिता जैन, रजनी जैन, जिनेन्द्र जैन, आशु जैन, सपना जैन, अक्षत जैन, मेघा जैन, अभिनन्दन जैन आदि कई श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।