जिले में आज शहीद कैप्टन अब्दुल हमीद की जयंती वृक्षारोपण कर मनाई गई। टीम “हमारा पैग़ाम भाईचारे के नाम” द्वारा चलाए जा रहे मिशन “कलाम साहब की याद में हरा-भरा और मोहब्बत से रहे हिंदुस्तान” के तहत शहर के दाई की बगीची कब्रिस्तान में हुसैन खान आर्मी की अगुवाई में वृक्षारोपण किया गया। मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद भारतीय सेना के वो वीर हैं, जो वीरता और साहस का परिचय देते हुए 1965 के भारत-पाक युद्ध में कई पाकिस्तानी पेटन टैंकों को ध्वस्त कर दिया था। इस अवसर पर टीम सदस्य मोइन खान ने बताया कि अब्दुल हमीद पूर्वी उत्तर प्रदेश के बहुत ही साधारण परिवार से आते थे, लेकिन उन्होंने अपनी वीरता की असाधारण मिसाल कायम करते हुए देश को गौरवान्वित किया था। कहा जाता है कि जब 1965 के युद्ध शुरू होने के आसार बन रहे थे तो वो अपने घर गए थे, लेकिन उन्हें छुट्टी के बीच से वापस ड्यूटी पर आने का आदेश मिला। उस दौरान उनकी पत्नी ने उन्हें खूब रोका, लेकिन वे रुके नहीं।
रोकने की कोशिश के बाद हमीद ने मुस्कराते हुए कहा था- देश के लिए उन्हें जाना ही होगा। “हमारा पैगाम भाईचारे नाम” टीम के हुसैन आर्मी ने बताया कि टीम द्वारा विभिन्न जयंती तथा पुण्यतिथि के अवसर पर इसी प्रकार पेड़ लगाकर महापुरुषों को याद किया जाता रहेगा। पेड़ों की देखभाल के लिए मस्जिद कमेटी, दाई की बगीची ने ज़िम्मेदारी ली है। इस अवसर पर वार्ड 34 के पार्षद असीम खान, प्रोफेसर राम लाल बेरवा, मोइन खान, मौलाना अबरार अहमद नाशरी, साद खान, सलाम खान, जयराम मीणा, आदिल, कल्लू खान सहित जहीर अहमद मौजूद रहे।