बछ बारस के अवसर पर जिले में सभी जगह महिलाओं द्वारा गाय और बछड़े की पूजा की गई व कहानी सुन कर बछ बारस का पर्व मनाया गया।
महिलाओं ने बताया कि इस दिन विवाहित महिलाएं पुत्र प्राप्ति और मंगल कामनाओं के लिए वत्र रखती हैं। सभी जगह अंकुरित चने, मूंग का सेवन किया गया। यह त्यौहार हिन्दू धर्म में गाय और बछड़े के महत्व को समझाता है। बछ बारस प्रतिवर्ष जन्माष्टमी के चार दिन पश्चात भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की द्वादशी के दिन मनाया जाता है। इस दिन प्रातः गाय बछड़े की पूजा की जाती है और महिलाओं के समूह बनाकर भजन गाये जाते है। इसी दिन घर में कटी हुई सब्जियों व गैहूं का सेवन नहीं किया जाता है।