सांप सीढ़ी का खेल सीढ़ी उपर ले जाता है और सांप काटता है तो नीचे चला आता है, इस खेल को मनोवैज्ञानिक तरीके से यूनिसेफ द्वारा जन्म से लेकर 18 वर्ष तक सीख देता है। शिक्षा से सीढ़ी अशिक्षा का सांप गरीबी कुरीतियों के दल दल में नीचे ले जाता है। राज्य सरकार की ओर से चलाये जा रहे बाल संरक्षण संकल्प यात्रा के दौरान राउमा विद्यालय बोरदा में जब यह खेल खिलाया जा रहा था।
बाल विवाह पर चर्चा के दौरान 9वीं कक्षा की 15 साल की कल्पना (परिवर्तित नाम) बताती है कि बुवा के लड़के का विवाह नहीं हो रहा था जिसके कारण आटा साटा प्रथा में निवाई के रामचरण के साथ 12 साल की उम्र में ब्याह दी गई।
ससुराल पक्ष गौना कराने का जिद कर रहा है किन्तु उसने साफ मना कर दिया है कि 18 के पहले किसी भी हालत में ससुराल नही जाउंगी। लूडो के इस रोचक खेल में विजेता घोषित की गई। साहसी बालिका को 2 सितंबर को आयोजित होने वाले बाल संरक्षण मेले में सम्मानित किया जाएगा। ग्राम पंचायत बोरदा के राजीव गांधी केन्द्र में सरपंच की अध्यक्षता में पंचायत सदस्यों आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी के साथ बैठक आयोजित कर ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया।
यात्रा समन्वयक सीताराम गुर्जर ने बाल अधिकारों पर चर्चा करते हुए बताया कि बच्चों पर हो रही हिंसा को रोकने के लिए बदलाव लाने की आवश्यकता है इसकी शुरूआत सबसे पहले घर से करनी होगी। बाल हिंसा, बाल विवाह, बालश्रम जैसे बुराईयों के विरुद्ध शपथ दिलाकर बाल संरक्षण के सात संकल्पों को अपनाने की सीख दी गई।
बाल मित्रों द्वारा घर घर दस्तक के दौरान बोरदा में हंसा देवी की पति की मृत्यू एक माह पूर्व हो गई है विधवा पेंशन में मृत्यू प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ती है किन्तु ग्राम विकास अधिकारी के हड़ताल के चलते मृत्यू प्रमाण – पत्र नहीं बन पा रहा है जिससे ना तो पेंशन मिल पा रहा है और नहीं उसके दो बच्चे मांगीलाल 15वर्ष 10वीं दिलकुश 10 वर्ष 8वीं को पालनहार नहीं मिल पा रहा है। प्रमाण पत्र बनवाने के लिए मामले को अतितिरिक्त जिला कलेक्टर के संज्ञान में लाया गया। इस दौरान बाल मित्रों द्वारा 26 सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के आवेदन ऑनलाईन कराने में मदद की गई।