गंगापुर सिटी रेलवे स्टेशन पर गत 17 अप्रैल को मिले लावारिस बालक को बाल कल्याण समिति के आदेश पर उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। संस्था सचिव अरविन्द सिंह चौहान ने बताया कि गंगापुर सिटी रेलवे स्टेशन पर 17 अप्रैल को एक 10 वर्षीय बालक लावारिस अवस्था में घूमता देख जीआरपी ने बालक को दस्तयाब कर सवाई माधोपुर चाइल्ड लाइन टीम के संरक्षण में दिया था।
बालक से परामर्श कर बालक को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया जहां से उसे अस्थायी तौर पर मर्सी आश्रय गृह में प्रवेशित कराया गया। परामर्श के दौरान बालक ने बताया कि वो आगरा का रहने वाला है। लेकिन अपना पता नहीं बता पा रहा था। मर्सी आश्रय गृह की सामाजिक कार्यकर्ता अलकनन्दा त्रिवेदी ने बालक से बार-बार परामर्श कर जानकारी जुटाई लेकिन बालक के परिजनों की कोई जानकारी नहीं मिल पाई। चाइल्डलाइन टीम और मर्सी आश्रय गृह स्टाफ लगातार बालक के परिजनों की तलाश में जुटे रहे।
सोशल मीडिया के माघ्यम से बालक के परिजनों की तलाश करते हुए पता चला कि बालक आगरा का रहने वाला है और अपने माता-पिता के साथ हिण्डौन में किराये से रह रहा था। 17 अप्रैल को घर से दुकान जाने के लिए निकला था और ट्रेन में बैठकर गंगापुर सिटी आ पहुंचा। बालक की गुमशुदगी हिण्डौन थाना पर दर्ज कराई। पुलिस परिजनों के साथ आज सवाई माधोपुर पहुंची। बालक का बाल कल्याण समितिं के समक्ष पेश किया गया।
जहां से उसे परिजनों की उपस्थिति में हिण्डौन पुलिस को दस्तयाबी दी गई। बालक के परिजनों की तलाश में मर्सी आश्रय गृह स्टाफ निशा त्रिवेदी, वरुण राठौर, अभिशेष सैनी एवं चाइल्डलाइन टीम के हरिशंकर बबेरवाल, काउन्सलर लवली जैन, महिला टीम मेम्बर मीना कुमारी, कपिल स्वर्णकार, हनुमान सैनी एवं जितेन्द्र चौधरी ने काफी प्रयास किये और बालक को सुरक्षित उसके परिजनों के पास पहुंचा दिया गया।