नगर परिषद और जिला प्रशासन की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना में आलनपुर सर्किल से सर्किट हाउस के बीच बने अतिक्रमणों को हटाने की कार्यवाही को अंजाम दिया। जानकारी के अनुसार प्रातः करीब साढ़े 11 बजे के आसपास नगर परिषद एवं जिला प्रशासन भारी पुलिस बन्दोबस्त के साथ करीब चार बैक-ओ-लोडर मशीनों को साथ लेकर रोड़ के दोनों ओर बने करीब 36 मकानों के अवैध पक्के अतिक्रमण हटाने पहुंचा। इसके बाद रोड़ के दोनों ओर 50-50 फिट के दायरे में हो रहे सभी कच्चे पक्के चबुतरों, मकानों के आगे बनी दुकानों, टीन शेड, चार दीवारी, सहित सभी स्थायी अस्थायी अतिक्रमणों को हटाया गया।
इस दौरान कुछ लोगों ने स्वयं अपने अतिक्रमणों एवं सामानों को हटाने का प्रयास भी किया। वहीं कुछ लोगों ने अतिक्रमण हटाने गये अधिकारियों-कर्मचारियों का विरोध भी किया। लेकिन नगर परिषद आयुक्त एवं तहसीलदार के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही में लोगों ने किसी की नहीं सुनी। अतिक्रमण हटाने के दौरान लोगों के ऐसे निर्माण को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
जो चिन्हित अतिक्रमण के दायरे में नहीं था। बल्कि मकान मालिकों की स्वामित्व की भुमि में निर्माण हो रहा था। जिसका नगर परिषद द्वारा पट्टा भी जारी किया हुआ है। ऐसे में लोगों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए अपने क्षतिग्रस्त मकानों व दुकानों का मुआवजा देने की मांग की। क्षेत्र के निवासी राजू माली, रामलाल माली ने बताया कि उन्होंने स्वयं अपने घर के बाहर से रखे सामान हटा लिये थे उसके बावजूद भी नगर परिषद प्रशासन के लोगों ने उनके पट्टे शुदा भूमि पर बने मकान की दीवारों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
लोगों ने आरोप लगाया कि जिला मुख्यालय पर बजरिया मुख्य बाजार, टोंक रोड़, गौरव पथ, सब्जी मण्डी क्षेत्र, अनाज मण्डी रोड़, आलनपुर चैराहा, पुराना शहर मुख्य बाजार सहित हर जगह लोगों ने अवैध रूप से रास्तों पर ही अतिक्रमण कर रखा है। लेकिन प्रशासन केवल गरीब लोगों पर अतिक्रमण के नाम पर कार्यवाही करता नजर आता है। मुख्य सड़कों पर रसूखदार ऊंची पहुंच रखने वाले लोगों के अतिक्रमण पर पीला पंजा कभी नहीं चलता।
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गहमागहमी के बीच आलनपुर सर्किल से सर्किट हाउस तक तोड़े अवैध निर्माणाधीन मकान और चबूतरे