कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की अधिक आवश्यकता पड़ने के अनुभव को देखते हुए जिले में सात नए ऑक्सीजन प्लांट के कार्य चल रहे है। प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग इन ऑक्सीजन प्लांट के कार्य को शीघ्र पूरा करवाकर मेडिकल ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के लिए जुटे हुए है। ताकि संभावित तीसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत नहीं हो।
कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने बताया कि जिला मुख्यालय के जिला अस्पताल एवं उप जिला अस्पताल में संचालित ऑक्सीजन प्लांट के साथ ही सात नए ऑक्सीजन प्लांट के कार्य चल रहे है।
सीएमएचओ डॉ. तेजराम मीना ने बताया कि सवाई माधोपुर के जिला अस्पताल में वर्तमान में 35 और 65 सिलेंडर प्रति घंटा क्षमता के दो ऑक्सीजन प्लांट कार्यरत है। साथ ही नगर परिषद द्वारा 100 सिलेंडर क्षमता तथा डीआरडीओ द्वारा 200 सिलेंडर प्रतिघंटा क्षमता के प्लांट के कार्य चल रहे है। जो शीघ्र ही पूरे होंगे। इसी प्रकार गंगापुर के उप जिला अस्पताल में 35 सिलेंडर क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट चल रहा है, वहीं 65 सिलेंडर क्षमता के प्लांट का कार्य जारी है। यहां एक निजी चिकित्सालय में ऑक्सीजन प्लांट संचालित है। इसी प्रकार बामनवास में नगरीय निकाय द्वारा 50 सिलेंडर क्षमता के प्लांट का कार्य किया जा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खंडार और बौंली में एनएचएम द्वारा 35-35 सिलेंडर क्षमता के प्लांट तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मलारना डूंगर एवं खिरनी में विधायक कोष से 35-35 सिलेंडर क्षमता के प्लांट लगाए जा रहे है। इसी प्रकार प्रत्येक पंचायत पर दो-दो ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी उपलब्ध करवाए जा रहे है।
प्रत्येक सीएचसी पर दस-दस एवं पीएचसी पर 5-5 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भिजवाए जा रहे है। ऐसे में मेडिकल ऑक्सीजन की समुचित उपलब्धता पंचायत स्तर तक सुनिश्चित की जा रही है। सीएमएचओ ने यह भी बताया कि जिले में बाल रोग विशेषज्ञ 30 एवं फिजिशियन 35 कार्य कर रहे है। संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए टीकाकरण को भी गति दी गई है। इसी प्रकार चिकित्सा संस्थानों में पीएचसी/सीएचसी स्तर पर विभिन्न प्रकार के संसाधनों की उपलब्धता के साथ ही इनके संचालन के संबंध में भी प्रशिक्षण दिए गए है। कलेक्टर ने इस संबंध में सीएमएचओ को निर्देश दिए कि बीसीएमओ उपखंड अधिकारियों के साथ समन्वय रखते हुए सभी चिकित्सा संस्थानों में उपकरणों सहित अन्य व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करें। कलेक्टर द्वारा संभावित तीसरी लहर से बचाव एवं उपचार की सभी तैयारियों को लेकर खुद अपने स्तर से मॉनिटरिंग की जा रही है। साथ ही चिकित्सा एवं प्रशासन के अधिकारियों को किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरतने तथा पूरी सजगता एवं सतर्कता से कार्य करने के निर्देश दिए गए है।