जिले के खण्डार वन क्षेत्र में वन विभाग की टीम को एक व्यक्ति का शव मिला है। जिसकी मृत्यू के कारणों का खुलासा नहीं किया गया है। लेकिन संभवतः जंगली जानवर के हमले में मृत्यू हो जाने का मामला हो सकता है। जानकारी के अनुसार रणथम्भौर बाघ परियोजना सवाई माधोपुर की कुण्डेरा रेंज की माॅनिटरिंग टीम द्वारा 17 अप्रैल को गोकुल पुत्र किशन माली निवासी चोपना मोहल्ला खण्डार को वन क्षेत्र में अवैध रूप से विचरण करते हुए पकड़ा था।
पूछताछ के दौरान गोकुल ने बताया कि 16 अप्रैल को वह अपने साथी के साथ खण्डार वन क्षेत्र में अवैध रूप से जड़ी बूटी खोदने आया था। रात होने के कारण दोनों जंगल में ही सो गये। सुबह जब उसका साथी नहीं मिला तो वह जंगल से बाहर निकलने की कोशिश में आगे बढ़ा।
जहां उसे वन विभाग की माॅनिटरिंग टीम द्वारा पकड़ा गया। इसकी सूचना मिलते ही विभाग द्वारा कुण्डेरा एवं खण्डार रेंज की जोइन्ट सर्चिंग टीम का गठन कर संबंधित पुलिस थाना को भी सूचित किया गया। टीम द्वारा पकड़े गए व्यक्ति तथा गुमशुदा व्यक्ति के परिजन को भी साथ रखा गया। खोजबीन कर रही सर्च टीम को 18 अप्रैल को बेरदा टाॅप वन क्षेत्र में एक शव मिला। गुमशुदा व्यक्ति के परिजन द्वारा शव की शिनाख्त रामदयाल पुत्र रामनारायण माली निवासी चोपान मोहल्ला खण्डार के रूप में की गई। व्यक्ति की आयु 66 वर्ष है।
इसके बाद शव पोस्टमाॅर्टम के लिए पुलिस को सुपुर्द किया गया। मृत्यु का कारण पोस्टमाॅर्टम एवं पुलिस व फाॅरेंसिक जांच के उपरान्त की स्पष्ट हो पाएगा। वन विभाग द्वारा व्यक्तियों पर अवैध रूप से वन क्षेत्र में प्रवेश करने की एफआईआर दर्ज कर ली गई है। साथ ही आमजन से वन क्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश नहीं करने की हिदायत दी गई है। हालांकि यह घटना वन विभाग की ट्रेकिंग पर सवाल खड़े करती है कि कैसे दो दिन तक दो व्यक्ति जंगल में ही घुमते रहे।