पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने मांगा सीपी जोशी वाला 50 नंबर वाला बंगला तो स्पीकर वासुदेव देवनानी की पसंद पूर्व मंत्री रघु शर्मा वाला 18 नंबर का बंगला
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष के लिए सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा घोषित अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि विधानसभा सत्र के लिए जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। इसको लेकर 17 दिसंबर को जयपुर में एक बैठक हो रही है। लगातार 5वीं बार विधायक बने और विधायी कार्यों के अनुभवी देवनानी ने बताया कि भले ही उन्हें अध्यक्ष नामित कर दिया गया हो, लेकिन अध्यक्ष का विधिवत चुनाव विधानसभा में ही होगा। नवनिर्वाचित विधायकों को पहले प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाएंगे और फिर अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया होगी। चूंकि भाजपा के 115 से भी ज्यादा विधायकों का बहुमत है, इसलिए अध्यक्ष का चयन निर्विरोध हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों से वे विधानसभा में सक्रिय हैं। मंत्री रहते हुए उन्होंने विधायकों के सवालों के जवाब दिए हैं तो वहीं विपक्ष में रहते हुए विधायक के रूप में सरकार से सवाल भी किए हैं। वे पिछले कई वर्षों में विधानसभा की अनेक महत्वपूर्ण समितियों के अध्यक्ष और सदस्य भी रहे हैं। इस नाते अध्यक्ष के तौर पर प्रभावी भूमिका निभाएंगे। देवनानी ने कहा कि वे हमेशा से ही स्वयं को विद्यार्थी समझते हैं, इसलिए हमेशा सीखने की जिज्ञासा रहती है। उन्होंने कहा कि इस बार विधानसभा में वरिष्ठ विधायक हैं। कई विधायक तो 7वीं बार चुनाव जीते हैं, कई विधायक दूसरी, तीसरी, चौथी और पांचवीं बार विधायक बने हैं। मैं सभी को साथ लेकर विधानसभा का संचालन करुंगा। देवनानी ने कहा कि नवनिर्वाचित विधायकों के लिए जयपुर में विधानसभा के सामने ही 150 फ्लैट बनकर तैयार हो गए हैं, इन फ्लैटों के आवंटन के लिए भी नीति बनाई जाएगी ताकि विधायकों की वरिष्ठता के अनुरूप फ्लैटों का आवंटन हो सके। यह पहला अवसर होगा जब विधायकों को पांच मंजिला इमारतों में बने आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित फ्लैट मिलेंगे। देवनानी ने कहा कि उनके लिए विधानसभा का अध्यक्ष बनना एक बड़ी उपलब्धि है। जब वे उदयपुर के कॉलेज में प्रोफेसर थे, तब विद्यार्थियों को नियंत्रित करते थे। लेकिन अब उनके पास राजस्थान के सबसे बड़ी संवैधानिक संस्था को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी आ गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से उन्होंने जो कुछ भी सीखा है उसके अनुरूप ही विधानसभा का संचालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संघ चरित्र निर्माण का काम करता है, जिससे देश को मजबूती मिलती है।
गहलोत के लिए 50 नंबर का बंगला: प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायक के तौर पर अपने लिए जयपुर के सिविल लाइन में 50 नंबर वाला बंगला मांगा है, यह बंगला अभी निर्वतमान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के पास है। चूंकि डॉ. जोशी इस बार नाथद्वारा से चुनाव हार चुके हैं, इसलिए उन्हें बंगला खाली करना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने स्वयं के लिए सिविल लाइन में बंगला नंबर 13 पहले ही आवंटित करवा लिया था। मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए राजे ने बंगले को अपने नजरिए से तैयार करवाया था। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए कैबिनेट मिनिस्टर वाले बंगले का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री रहते हुए नियमों की सभी बाधाओं को हटाते हुए 13 नंबर का बंगला आवंटित किया। हालांकि अब विधायकों के मकानों के आवंटन का काम विधानसभा अध्यक्ष के पास आ गया है। ऐसे में सरकारी बंगलों और फ्लैटों के आवंटन में देवनानी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस बीच पता चला है कि देवनानी ने विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर सिविल लाइन स्थित बंगला नंबर 18 पसंद किया है। अभी तक यह बंगला पूर्व चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के पास है। रघु शर्मा भी इस बार केकड़ी से चुनाव हार चुके हैं, इसलिए उन्हें बंगला खाली करना पड़ेगा। बताया जा रहा है कि चिकित्सा मंत्री रहते हुए रघु शर्मा ने इस बंगले को काफी सुसज्जित करवाया था। सिविल लाइन में बंगला नंबर 18 काफी बड़ा बताया जाता है। (एसपी मित्तल, ब्लॉगर)