सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को दिया ज्ञापन
सवाई माधोपुर:- जिले के वकीलों ने भोलाशंकर शर्मा एडवोकेट के नेतृत्व में जिले के दौरे पर रहे सर्वाेच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को ज्ञापन देकर रणथंभौर नेशनल पार्क के बाहर एक किलोमीटर की परिधी में चल रही अवैध वाणिज्यिक एवं ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाली सभी गैर वानिकी गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होने ज्ञापन में लिखा है कि रोक के बावजूद नेशनल पार्क के बाहर प्रतिबन्धित सीमा में और उसके आस पास सैंकडों होटल, होम स्टे, गेस्ट हाउस संचालित हैं।
जिनमें लाउड स्पीकरों, वाहन में लगे हॉर्न तथा हाई-फाई ऑडियो सिस्टम एम्पलीफायर, लाउड स्पीकर एवं खुली जगह विवाह समारोह, पार्टियों, मैरिज गार्डन व अन्य जगहों पर गम्भीर रूप से ध्वनि प्रदूषण किया जा रहा है, जिनकी आम जनता द्वारा समय-समय पर की गई शिकायतों पर कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की जाती है। उन्होंने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर प्रभावशाली लोगों के हस्तक्षेप के कारण वाईल्ड लाईफ बुरी तरह प्रभावित है।
ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि नेशनल पार्क की सीमा से लगते हुए व 500 मीटर की परिधि में बेकडोर एन्ट्री व अनाधिकृत परमिशन व गलत फोरेस्ट सीमा को दर्शित की जाकर गलत रूप से सैकड़ों होटलों का निर्माण किया गया है। इस क्षेत्र में दिन-रात तेज म्यूजिक, रात को सर्च लाईटें शादियां तथा पूरी रात वाहनों की आवाजाही, हॉर्न से नेशनल पार्क व वन्यजीव अभ्यारण्य के जीव जन्तु पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, जिससे पक्षीयों की आवाजाही लगभग समाप्त सी हो गई।
होम स्टे के नाम पर गैर कानूनी रूप से कॉमर्शियल एक्टिविटीज शुरू कर दी गई है। लगभग 200 से 300 होम स्टे के नाम पर होटल रिसोर्ट का व्यवसाय चल रहा है। स्वीकृत सीमा से अधिक बड़े क्षेत्र में तथा स्वीकृति से अधिक कमरों के होटल बनाये गये हैं। वीआईपी के नाम पर सरकारी वाहनों का निरन्तर दुरूपयोग होता है और एक शिफ्ट में क्षमता से अधिक वाहन अवैध रूप से चलाये जा रहे हैं।
ज्ञापन में न्यायाधीशों से प्रशासनिक स्तर पर कार्यवाही किये जाने के निर्देश प्रदान करने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में भोला शंकर शर्मा, हरिप्रसाद योगी, दौलत सिंह, गिर्राज यादव, जुली खण्डेलवाल, अकरम खान, जगन्नाथ चौधरी, मनोज शर्मा, राधेश्याम वैष्णव, प्रशांत शर्मा आदि वकील शामिल थे।