स्कूल एजुकेशन वेलफैयर एसोसिएशन (सेवा) सवाई माधोपुर ने गैर सरकारी विद्यालयों को निःशुल्क पढ़ाये गए विद्यार्थियों के भुगतान दिलाने की मांग को लेकर संगठन के जिलाध्यक्ष सुनील जैन के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। सुनील जैन ने ज्ञापन में बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत शिक्षा विभाग द्वारा जारी टाईम फ्रेम के अनुसार प्रदेश के गैर सरकारी विद्यालयों में प्रति वर्ष प्रवेश कक्षा में 25 प्रतिशत विद्यार्थियों को नि:शुल्क प्रवेश देकर उन्हे कक्षा 8 तक निःशुल्क पढ़ाया जाता है।
उन विद्यार्थियों की फीस का पुनर्भरण सरकार द्वारा किया जाता हैं। लेकिन गत तीन शिक्षा सत्रों से सरकार द्वारा फीस का पुनर्भरण नहीं किये जाने से गैर सरकारी विद्यालयों को भंयकर आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में समय-समय पर हमारे संगठन द्वारा शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं शिक्षा मंत्री को समस्या से अवगत करवाकर समाधान की मांग की गई है। लेकिन इसकी और किसी ने अब तक ध्यान नहीं दिया गया है।
उन्होंने बताया कि शिक्षा सत्र 2021-22 का बकाया भुगतान तथा शिक्षा सत्र 2020-21 में ऑफलाइन शिक्षण कार्य करवाने वाले प्रदेश के सभी 10465 विद्यालयों का भुगतान करवाया जाये। साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा विभिन्न बेरियर लगाकर, रेल लाईन के नाम पर भुगतान रोका गया है। वहीं बैंकों के मर्ज होने से भी आईएफएससी कोड बदलने से भी भुगतान अटका हुआ है।
इसके साथ ही ज्ञापन में गत शिक्षा सत्रों में विभिन्न कारणों से जो विद्यालय भौतिक सत्यापन रिपोर्ट की प्रविष्टि नहीं कर पाए, उनको भौतिक सत्यापन रिपोर्ट की प्रविष्टि का मौका देने, शिक्षा सत्र 2021-22 के क्लेम बिल बनाने से वंचित विद्यालयों के लिए दावा प्रपत्र बनाने के लिए पीएसपी पोर्टल पर विकल्प फिर से शुरू करने और नि:शुल्क प्रवेशित विद्यार्थियों के प्रवेश हेतु विभाग द्वारा जारी टाईम फ्रेम में फीस पुनर्भरण की तिथि भी अंकित करने की मांग की गई है।
संगठन ने चेतावनी दी है कि सरकार निजी विद्यालयों को तुरन्त आरटीई का बकाया भुगतान जारी कर स्कूल संचालकों को राहत प्रदान करे, अन्यथा आर्थिक संकट से परेशान स्कूल संचालकों को धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ेगा। इस दौरान कमलेश शर्मा, अब्दुल माजिद, मुकेश जैन, प्रतीक जैन एवं एस.एन.शर्मा आदि मौजूद रहे।