मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार अशोक गहलोत की आम जन को महंगाई से राहत दिलाने की महत्वाकांक्षी योजना के तहत राज्य भर में शहरी एवं ग्रामीण स्तर पर महंगाई राहत केम्पों का आयोजन कर आम जन को महंगाई से राहत दिलाने के लिए रजिस्ट्रेशन कर गारन्टी कार्ड वितरित किये जा रहे हैं। इस दौरान चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना, सामाजिक पेंशन, गैस सिलेण्डर सब्सिडी, विद्युत में छूट सहित कई योजनाओं के गारन्टी कार्ड वितरित किये जा रहे हैं। लेकिन फिर भी आम जन को महंगाई से राहत नहीं मिल पा रही है। इसका ताजा उदाहरण जून एवं जुलाई माह में विद्युत वितरण निगम द्वारा वितरित किये गये घरेलू बिजली के बिलों में देखने को मिल रहा है।
जहां रजिस्ट्रेशन कराने से पूर्व में मिल रही छूट के बराबर भी छूट नहीं मिल रही है। वहीं विभिन्न तरह के सरचार्ज भी बढ़े हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में आम जन का कहना है कि मुख्यमंत्री की योजनाओं पर विद्युत विभाग पलिता लगा रहा है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार की ओर से घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने तथा प्रतिमाह 200 यूनिट तक के बिल में फ्यूल सरचार्ज व स्थायी शुल्क सहित सभी प्रकार के अन्य शुल्कों को सरकार द्वारा छूट देने के नाम पर विद्युत विभाग द्वारा जोर शोर से प्रचार किया जा रहा है। करोड़ों रूपयों योजनाओं के प्रचार प्रसार पर किया जा रहा है। लेकिन बिजली बिल में ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि एक ही उपभोक्ता के अलग-अलग माह के बिलों में तथा अलग-अलग उपभोक्ताओं के बिलों में विभिन्न प्रकार के शुल्क भी अलग-अलग दिखाई दे रहे हैं। जिसने आमजन को गफलत में डाल रखा है। आम जन का कहना है कि उन्होने महंगाई राहत केम्प में रजिस्ट्रेशन करवाकर गलती कर दी इससे तो पहले ही बिजली का बिल कम आ रहा था। अब मुफ्त के नाम पर सरकार ज्यादा वसूली कर रही है।
कुछ लोगों ने बताया कि जब वे बिजली के बिल को लेकर विद्युत विभाग के कार्यालयों में समस्या समाधान के लिए गये तो केवल चक्कर काटने के अलावा कोई समाधान नहीं हुआ। बल्कि पहले इस बिल को जमा कराने की बात कह कर चलता कर दिया। इसी प्रकार आमजन ने बताया कि सरकार द्वारा उज्ज्वला योजना तथा बीपीएल उपभोक्ताओं को 500 रूपये में गैस सिलेण्डर उपलब्ध कराने का प्रचार किया जा रहा है। जबकि इस योजना में केवल उज्ज्वला योजना के उपभोक्ताओं को ही लाभ मिल रहा है। बीपीएल उपभोक्ताओं को गैस सब्सिडी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।