जिला कलेक्टर डॉ. एस.पी. सिंह की अध्यक्षता में जन्म मृत्यु रजिस्ट्रेशन कार्य समीक्षा हेतु गठित जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई।
बैठक में सहायक निदेशक आर्थिक एवं सांख्यिकी आर.एस. जाट ने बताया कि जिले में वर्तमान में 200 ग्रामीण एवं दो शहरी निकायों में जन्म मृत्यु रजिस्ट्रेशन इकाईयां कार्य कर रही है। ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम विकास अधिकारी एवं शहरी क्षेत्र में आयुक्त नगर परिषद द्वारा रजिस्ट्रेशन कार्य किया जाता है। रजिस्ट्रेशन इकाईयों द्वारा जन्म-मृत्यु की घटनाओं का रजिस्ट्रेशन कार्य पहचान पोर्टल पर ऑनलाईन किया जा रहा है। सभी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र रजिस्ट्रार द्वारा ई-साईन से किया जा रहा है।
जिले में 40 सरकारी चिकित्सा संस्थानों द्वारा संस्थानों में होने वाली जन्म-मृत्यु की घटनाओं के पंजीयन का कार्य किया जा रहा है। बैठक में जिला कलेक्टर डॉ. सिंह ने सरकारी चिकित्सा संस्थानों में होने वाली जन्म मृत्यु की घटनाओं का शत प्रतिशत पंजीयन किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जन्म मृत्यु पंजीयन एक राष्ट्रीय महत्व का कार्यक्रम है। सभी इकाईयां शत प्रतिशत रजिस्ट्रेशन कर लाभार्थी को जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें।
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी किशोर कुमार, एडीएम महेन्द्र लोढ़ा, आयुक्त रविन्द्र यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।