उद्यान विभाग द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अन्तर्गत संरक्षित खेती का महत्व आवश्यकता एवं चुनौतियां विषय पर दो दिवसीय जिला स्तरीय कृषक सेमीनार का आयोजन अतिरिक्त निदेशक कृषि भरतपुर संभाग देशराज सिंह के मुख्य आतिथ्य में फूल उत्कृष्टता केन्द्र, सवाई माधोपुर में हुआ। कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक ने संरक्षित खेती की आवश्यकता एवं चुनौतियों पर चर्चा करते हुए किसानों से कहा कि वे खेती के उन्नत तरीके अपनाने के साथ-साथ प्रसंस्करण इकाईयां भी स्थापित करें।
उन्होंने कहा कि जिले में अमरूद उत्पादक की क्षमता को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा यहां अमरूदों का एक्सीलेन्स सेन्टर एवं प्रोसेसिंग यूनिट भी जल्द स्थापित किया जाएगा, जिससे यहां की अमरूद उत्पादक किसानों को भरपूर लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि यहां पर मुख्य संवर्धन के तरीके किसानों को सिखाये जाएंगे। उन्होंने उद्यान विभाग की ओर से संरक्षित खेती के लिए उपस्थित कृषकों को अनुदान सुविधाओं का लाभ लेने के लिए राज किसान पोर्टल पर आवेदन करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने किसानों को फल, सब्जी एवं फूलों की खेती को अपनाकर आमदनी बढ़ाने की बात कही।
इन्टर नेशनल हॉर्टिकल्चर एसोशिएसन एण्ड ट्रेनिंग सेन्टर जयपुर के ट्रेनर डॉ. एस.एन. चौधरी ने संरक्षित खेती की तकनीकों पर आधारित पावर पोइंट प्रजेन्टेशन प्रस्तुत करते हुए किसानों को प्रोडेक्शन टेक्नोलोजी का प्रशिक्षण दिया। राजस्व कृषि अनुसंधान संस्थान जयपुर के सहायक प्रोफेसर डॉ. हेमराज गुर्जर ने अमरूद एवं सब्जियों के निमोटोड की समस्या का निदान बताया।
उप निदेशक उद्यान चन्द्रप्रकाश बड़ाया ने बताया कि सेमीनार में 105 कृषकों ने भाग लिया। मंच संचालन कृषि पर्यवेक्षण सुरेश स्वर्णकार ने किया। सेमीनार के दूसरे दिन नर्सरी प्रबंधन एवं भ्रमण करवाकर कृषकों को प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक कृषि रामराज मीना, एस.के. सिंह, के.एल. मीना सहित दूरदर्शन जयपुर के वीरेन्द्र उपस्थित रहे।