आमजन में रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास, आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लक्ष्य से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य बजट में ‘‘घर-घर औषधि योजना’’ की घोषणा की थी। इसकी पालना में जिले के प्रत्येक परिवार को आगामी पांच साल में 24 औषधीय पौधे निःशुल्क उपलब्ध करवाएं जाएंगे। 72वें जिला स्तरीय वृक्षारोपण वार्षिकोत्सव और घर-घर औषधि योजना का शुभारंभ खिलचीपुर के वृक्ष कुंज परिसर में हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने की। अतिथियों के रूप में एडीजे महेंद्र कुमार, रणथंभौर टाइगर फॉरेस्ट के डीएफओ महेंद्र शर्मा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर डॉ. सूरज सिंह नेगी, जिला परिषद सीईओ रामस्वरूप चौहान और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र दानोदिया सहित अन्य अतिथियों ने शिरकत की। इस अवसर पर जिला कलेक्टर ने कहा कि औषधि पौधे जिनमें तुलसी, कालमेध, अश्वगंधा एवं गिलोय के पौधे घर-घर तक वितरण किये जाएंगे। कलेक्टर ने बताया कि प्रत्येक परिवार को आगामी 5 साल में तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा एवं कालमेघ आदि के कुल 24 पौधे मिलेंगे। इन्हें 3 बार में अर्थात प्रत्येक बार 8-8 पौधे मिलेंगे। चालू तथा अगले वित्तीय वर्ष में जिले के 1.27-1.27 लाख परिवारों को ये पौधे मिलेंगे। इस वर्ष जिले में वितरण के लिए 9 नर्सरियों में 11 लाख 15 हजार पौधे तैयार किए गए है। कलेक्टर ने कहा कि घर-घर औषधि योजना को जन अभियान बनाते हुए हर व्यक्ति तक पहुंच बनाएं। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर ने हमें ऑक्सीजन का महत्व समझा दिया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को पेड़ पौधे लगाकर उसकी सुरक्षा करनी चाहिए। पेड़ पौधे ही ऑक्सीजन के एकमात्र स्रोत है। प्रत्येक व्यक्ति वृक्ष मित्र बने, पेड-पौधों को सहेजकर रखें। हमारी संस्कृति में पेड़-पौधे, नदी और प्रकृति की पूजा की जाती है। उन्होंने कहा कि अभियान केवल औपचारिक नहीं बने, अपितु हर व्यक्ति पौधरोपण करें तथा लगाए गए पौधों की सुरक्षा एवं संरक्षण करें। प्रत्येक व्यक्ति वन महोत्सव तथा वृक्षारोपण अभियान से दिल से जुड़कर कार्य करें। कलेक्टर ने बताया कि राजस्थान सरकार ने घर-घर औषधि अभियान के लिए 210 करोड रूपए का बजट रखा है। इसके तहत राज्य के 1 करोड़ 26 लाख परिवारों को तुलसी, अश्वगंधा, कालमेघ एवं गिलोय के पौधों का वितरण किया जाएगा। जिला कलेक्टर ने कहा कि औषधि पौधों को लगाने और उन्हे संरक्षण देने के लिये लोगों को जागरूक बनाये एवं तुलसी, कालमेध, अश्वगंधा व गिलोय से होने वाले स्वास्थ्य फायदे तथा शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के बारे में भी जागरूक करें। उन्होंने लोगों को इसकी जानकारी देने, पौध वितरण केन्द्र पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने, जन प्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, राजकीय कार्मिकों और आमजन को जोड़ते हुए इसे जन अभियान बनाने की बात कही। कार्यक्रम में एडीएम डॉ. सूरज सिंह नेगी ने प्रकृति संरक्षण तथा पौधों का महत्व बताते हुए पौधे लगाने और उन्हें सहेजने का संदेश दिया। इस मौके पर डीएफओ जयराम पांडे ने घर-घर औषधि पौधे वितरण अभियान की जानकारी दी।
हरी झंडी दिखाकर वितरण वाहन को किया रवाना
घर-घर औषधि अभियान के तहत औषधीय पौधों के वितरण वाहनों को कलेक्टर राजेन्द्र किशन, एडीजे महेन्द्र कुमार और एडीएम डॉ. सूरज सिंह नेगी सहित अन्य अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर उपस्थित लोगों को पौधों के संरक्षण की शपथ भी दिलाई गई।
वृक्षारोपण अभियान एवं वन महोत्सव के तहत लगाए पौधे
वृक्षकुंज परिसर में 72 वें वृक्षारोपण एवं वन महोत्सव के जिला स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ भी हुआ। इस अवसर पर जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन, एडीजे महेन्द्र कुमार, एडीएम डॉ. सूरज सिंह नेगी, एएसपी सुरेन्द्र दानोदिया और सीईओ जिला परिषद आरएस चौहान सहित अन्य अधिकारियों ने पौधरोपण किया। इस मौके पर कलेक्टर ने पीपल का पौधा लगाया। वन महोत्सव के तहत ऑनलाइन आयेाजित हुई विभिन्न प्रतियोगिता के विजेताओं को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। डीएफओ ने कलेक्टर एवं अन्य अधिकारियों को पंचवटी के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में सीएमएचओ डॉ. तेजराम मीना, अधीक्षण अभियंता पीडब्लूडी, तहसीलदार प्रीति मीना, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम बैरवा, स्काउट सचिव महेश सेजवाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, स्काउट गाइड, एनसीसी के स्वयंसेवक सहित जनप्रतिनिधि और ग्रामीण भी उपस्थित थे।