आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग, राजस्थान द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से 9 से 12 दिसम्बर तक चार दिवसीय संभागीय आरोग्य मेला-2019 का आयोजन जिला मुख्यालय स्थित बजरिया के इन्दिरा मैदान में सुबह 11 से रात्रि 8 बजे तक होगा।
पत्रकारों से रूबरू होते हुऐ जिला कलेक्टर डाॅ. एस.पी. सिंह ने कहा कि चार दिवसीय आरोग्य मेले का अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके इसके लिए मीडिया का सकारात्मक सहयोग जरूरी है। उन्होने कहा कि लोगों को आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी चिकित्सा पद्धति के प्रति अधिक से अधिक जागरूक किया जाना चाहिए। डाॅ. सिंह ने आयुर्वेद अधिकारियों से विभिन्न प्रकार की जानकारी हासिल की।
मेले का शुभारम्भ 9 दिसम्बर को 11 बजे सवाई माधोपुर विधायक दानिश अबरार द्वारा किया जायेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कलेक्टर डाॅ. एस.पी. सिंह करेंगे।
जिला कलक्टर डाॅ. सिंह ने बताया कि चार दिवसीय आरोग्य मेले में आयुष चिकित्सा पद्धतियों आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, योग एवं प्राकृतिक के द्वारा रोगियों को परामर्श एवं निःशुल्क चिकित्सा उपलब्ध करवाई जायेगी।
जिला कलक्टर ने बताया कि आयुर्वेद दुनिया की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। एक बार व्यक्ति बीमार हो जाये तो कितना भी योग्य चिकित्सक हो, बीमार को स्वस्थ करने में समय लगता है। आयुर्वेद बीमारी रोकने पर ही जोर देती है ताकि कोई व्यक्ति बीमार ही न हो। यह स्वस्थ जीवन शैली से जुड़ी पद्धति है। उन्होंने आयुर्वेद चिकित्सकों का आव्हान किया कि बदलते समय में वे कमजोरी को चैलेंज के रूप में लेकर इसे अवसर में बदलें। आयुर्वेद चिकित्सक के कमरे के बाहर भी लाइन लगनी चाहिये। समर्पण और मेहनत से सब कुछ सम्भव है।
जिला कलक्टर ने बताया कि वे पेशे से चिकित्सक रहे हैं तथा आज से 25 साल पहले अविभाजित श्रीगंगानगर के गोलूवाला प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी थे। तब निःशुल्क दवा योजना जैसा कुछ नहीं था। मरीजों की ठीक से सेवा की, समय दिया तो भामाशाह, मरीज और उनके परिजनों ने अस्पताल को चंदा देना शुरू किया। हमने अस्पताल में हर वह सुविधा जुटाई जो आधुनिकतम अस्पताल में होती है। दरिद्र नारायण दवा बैंक शुरू किया। कुछ ही माह में 55 लाख का चंदा प्राप्त हुआ। हमें आग्रह करना पड़ा कि हमें अब जरूरत नहीं है, अब और चंदा न दें। कहने का तात्पर्य यह है कि संसाधनों या किसी अन्य कमी का बहाना बनाकर काम न करने के बजाय इस कमी को ही मजबूती में बदल दें। दृढ़ इच्छा शक्ति और मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। समाज को आप कुछ समय और संसाधन दोगे तो समाज आपको कई गुना सम्मान देगा। यह सम्मान ही जीवन की सबसे बडी पूॅंजी है। जिला कलेक्टर की मौजूदगी में डाॅ. भूदेव शर्मा नोडल अधिकारी एवं अति. निदेशक एवं सहायक निदेशक डाॅ. इन्द्रमोहन शर्मा ने संयुक्त रूप से जानकारी देते हुए बताया कि आरोग्य मेले में आयुर्वेद की विशिष्ठ चिकित्सा पद्धतियों पंचकर्म, क्षारसूत्र शल्य चिकित्सा अग्निकर्म, चर्म चिकित्सा जलौकावचारण तथा यूनानी की कपिंग थैरेपी से उपचार किया जायेगा। मेले में विशेष तौर पर राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर द्वारा व्यक्ति की प्रकृति का परीक्षण एवं आयुर्वेद की पुरानी पद्धति नाडी परिक्षण कर रोगोपचार किया जायेगा।
मेले में आयुर्वेद वनस्पतियों से रोगोपचार एवं वनस्पति पादप अंगों के उपयोग की लाईव जानकारी दी जायेगी तथा वनस्पति पादपों की बिक्री भी की जायेगी। मेले में आयुर्वेद चिकित्सा, यूनानी चिकित्सा, होम्योपैथी चिकित्सा, मर्म चिकित्सा, वनस्पति पादपों से सरल उपचार विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिये जायेंगे।
आयुर्वेद की विभिन्न औषध निर्माता कम्पनियों के द्वारा उनके उत्पादों (औषधियो) का प्रदर्शन किया जायेगा। शारीरिक शिक्षकों एवं कार्मिकों द्वारा सुबह 7 से 8 बजे तक योगाभ्यास करवाया जायेगा तथा रोगानुसार योग प्रणायाम की व्यवस्था भी उपलब्ध करवाई जायेगी।
इस अवसर पर मेले के नोडल अधिकारी और अतिरिक्त निदेशक डाॅ. भूदेव शर्मा, उप निदेशक डाॅ. इन्द्र मोहन शर्मा, सहायक निदेशक डाॅ. जितेन्द्र सिंह कोठारी व अन्य अधिकारी, मीडियाकर्मी उपस्थित रहे।