सांसद दीयाकुमारी ने कहा कि स्वीकृत कार्य के लिए पदयात्रा निकालने से राजनीतिक सेहत में सुधार नहीं होता है, सेहत सुधारनी है तो चम्बल का पानी लाने के लिए राज्य सरकार के खिलाफ पदयात्रा करें।
संसदीय क्षेत्र मीडिया संयोजक मधुप्रकाश लड्ढा ने बताया कि गोमती ब्यावर फोरलेन शुरू करवाने हेतु भीम विधायक द्वारा पदयात्रा की घोषणा पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजसमन्द सांसद दीयाकुमारी ने कहा कि इस नोटंकी से जनता अवगत है, पिछले एक साल से कुम्भकर्णी नींद में सो रहे विधायक को अब पदयात्रा की याद आई है। जब केंद्र सरकार ने 430 करोड़ रु की स्वीकृति देकर मार्च में निविदा करने का एलान कर दिया। सांसद ने भीम विधायक पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केंद्र सरकार से कार्य करवाने के लिए सांसद ही काफी है। इसके लिए विधायक को न तो पदयात्रा की जरूरत है और न आंदोलन की और यह सब करना है तो क्षेत्र में चम्बल का पानी और परिवहन सेवाओं को सुधारने के लिए राज्य की गहलोत सरकार के खिलाफ पदयात्रा करें। जिससे क्षेत्र की सेहत के साथ स्वयं की राजनीतिक सेहत में भी सुधार होगा।
मीडिया संयोजक ने बताया कि पिछले पांच वर्ष से बंद पड़े गोमती ब्यावर फोरलेन को शुरू करवाने के लिए सांसद दीयाकुमारी ने एक वर्ष में संसद के भीतर कई बार इस मसले को जोरशोर के साथ उठाया तो संसद के बाहर भी कई बार केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात करके ब्यावर गोमती फोरलेन निर्माण कार्य को शुरू करवाने के लिए दबाव बनाया तब जाकर 600 करोड़ की गोमती ब्यावर फोरलेन के कार्य को शुरू करवाने के लिए मंगलवार को ही 430 करोड़ की सैद्धान्तिक स्वीकृति के साथ 10 दिन में स्वीकृति और मार्च माह में निविदा प्रक्रिया पूर्ण करने के साथ डेढ़ साल में कार्य समाप्ति पर सहमति बनी थी।