काठमांडू में आयोजित हो रहे आगामी तीन दिवसीय अधिवेशन में दिया जाएगा यह अति प्रतिष्ठित सम्मान
अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति देश की समस्त भाषाओं को समर्पित 14 हजार सदस्यों वाली भारत की एक पंजीकृत वैश्विक संस्था है, जिसका कि अनवरत 1460 दिन नियमित प्रसारण का गौरवशाली कीर्तिमान भी है। संस्था ने भारत के 19 विभिन्न राज्यों में अपने सफल राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किये हैं जिसमें राज्यपाल, केन्द्रीय मंत्रियों के अलावा देश-विदेश के अनेक साहित्यकार प्रतिभागी रह चुके हैं। संस्था के ग्लोबल प्रेसीडेन्ट वरिष्ठ साहित्यकार तथा वरिष्ठ पत्रकार पंडित सुरेश नीरव ने बताया कि संस्था अपना 20वां तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन नेपाल साहित्य महोत्सव, नेपाल की राजधानी काठमांडू में आगामी 19, 20 और 21 जून को आयोजित करने जा रही है, जिसमें देश-विदेश के अनेक साहित्यकार भाग ले रहे हैं। यह तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय अधिवेशन विश्व बंधुत्व के ज्वलंत संदर्भ को समर्पित होगा।
इस अधिवेशन के लिए संस्था द्वारा जिन महत्वपूर्ण रचनाकारों का चयन किया गया है उसमें कुवैत से लोकप्रिय प्रवासी कवयित्री संगीता चौबे “पंखुड़ी”, काठमांडू नेपाल से प्रतिष्ठित साहित्यकार राजेन्द्र “शलभ”, लोकप्रिय कवयित्री मोनी विजय, केरल से पूर्व मेजर जनरल अनूप कुमार, लोकप्रिय गायिका मीरा नायर, कर्नाटक बेंगलुरु से प्रतिष्ठित गीतकार ज्ञान चंद मर्मज्ञ, शरद सिह, डॉ. कविता सिंह प्रभा, डॉ. मंजुलता गुप्ता, गुजरात से डॉ. राखी सिंह कटियार, श्यामा सिंह, डॉ. भागिया “खामोश”, मुंबई से डॉ. दमयन्ती शर्मा, उत्तराखंड देहरादून से सुभाष चंद्र सैनी, सुमन सैनी, सौम्या दुआ, हरियाणा से राजेन्द्र राज निगम, इंदु “राज” निगम, राजेश प्रभाकर, वीणा अग्रवाल, राजेश “रघुवर”, रेणु मिश्रा, सवाई माधोपुर राजस्थान से डॉ. मधु मुकुल चतुर्वेदी, डॉ. इंद्रा चतुर्वेदी, बिहार से डॉ. रत्नेश्वर सिंह, ऋषि सिन्हा, डॉ. नीलम श्रीवास्तव, ठाकुर ज्वाला प्रसाद, राशदादा, उत्तर प्रदेश से पंडित सुरेश नीरव, मधु मिश्रा, विजय प्रशांत, निशा भार्गव, सतीश भार्गव, उमानाथ त्रिपाठी, गंगा मणि त्रिपाठी, अजय कुलश्रेष्ठ “अजेय”, डॉ. रश्मि कुलश्रेष्ठ, डॉ. ममता वार्ष्णेय, दिल्ली से उमंग सरीन, अशोक सरीन, डॉ. पुष्प लता भट्ट,अंजू क्वात्रा, रंजना मजूमदार तथा सुप्रसन्न मजूमदार के नाम उल्लेखनीय हैं।