आगामी 1 जनवरी से 31 मार्च तक प्रदेशभर में शुद्ध के लिये युद्ध अभियान का विशेष चरण आयोजित होगा जिसमें मिलावटखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। इस अभियान को पूर्ण सफल बनाने के लिये आज बुधवार को जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन की अध्यक्षता में नवगठित जिला स्तरीय प्रबंधन समिति की बैठक हुई।
बैठक में कलेक्टर ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को अभियान के प्रभावी क्रियांवयन के लिए टीमों का गठन कर मिलावटखोरों एवं नकली सामान बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके लिए जिलास्तरीय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष जिला कलेक्टर हैं, एसपी, सीएमएचओ, डीएसओ, डेयरी एमडी, विधि परामर्शी अधिकारी, मोबाइल खाद्य जांच लैब विश्लेषक, सहायक लोक अभियोजक समिति के सदस्य हैं।
जिला कलेक्टर ने बताया कि अभियान में वैसे तो विक्रय, भण्डार किये जाने वाले किसी भी पदार्थ की जांच की जा सकती है लेकिन मुख्य फोकस दूध, मावा, पनीर, मिठाई, बेसन, खाद्य तेल, घी, सूखे मेवे, मसालों की गुणवत्ता, अवधिपार होने के मामले, मिलावट पर रहेगा। माप और बांट की भी चैकिंग होगी।
पेट्रोल पम्प पर पेट्रोल और डीजल की माप और गुणवत्ता की भी जांच होगी। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि इसके लिए उपखंड स्तर पर विभिन्न जांच दल गठित करने के साथ ही डिकॉय ऑपरेशन भी होंगे। इस सम्बंध में जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखा जायेगा तथा सूचना सही मिलने पर 51 हजार रुपए का ईनाम भी दिया जायेगा।
जांच दल एसडीएम, बीडीओ और तहसीलदार में से किसी 1 के नेतृत्व में गठित होगा जिसमें पुलिस उप अधीक्षक या निरीक्षक, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, विधि माप विज्ञान अधिकारी और डेयरी प्रतिनिधि शामिल रहेंगे। बैठक में कलेक्टर ने सीएमएचओ को निर्देश दिए कि सेंपलों की जांच के लिए मोबाइल लेब का जिले के लिए कार्यक्रम भी तय करवाकर जांच की व्यवस्था करवाएं।
साथ ही फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 एवं नियम 2011 के प्रावधानों के अनुसार मिलावटी माल को मौके पर ही नष्ट करने कार्रवााई के संबंध में भी निर्देश दिए। बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर डॉ. सूरज सिंह नेगी, सीएमएचओ डॉ. तेजराम मीना, जिला रसद अधिकारी महेन्द्र मीना, पुलिस उपाधीक्षक कृष्णा सामरिया, विधि परामर्शी चंद्रशेखर शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।