राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 30 अक्टूबर से नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस दिन से चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों के चुनाव खर्चो पर निगरानी रखनी शुरू हो जाएगी। केन्द्रीय निर्वाचन आयोग ने इस बार सभी प्रत्याशियों के खर्चों पर निगरानी के लिए प्रदेश में 70 आईआरएस अधिकारियों की टीम उतारी है। ये टीम 30 अक्टूबर से प्रदेश में सक्रिय हो जाएगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि ये टीम सभी जिलों में 30 अक्टूबर से एक्टिव हो जाएगी। ये सभी अधिकारी विधानसभावार अपनी-अपनी टीम के साथ हर प्रत्याशी के तमाम खर्चों का पूरा लेखा-जोखा रखेंगे। ये टीम विधानसभा क्षेत्र से जुड़ी सभी वांछित सूचनाएं भी निर्वाचन आयोग को भेजेंगे। उन्होंने कहा कि सभी पर्यवेक्षक अधिसूचना जारी होने के दिन 30 अक्टूबर से क्षेत्र में रहेंगे और 25 नवंबर तक क्षेत्र में दौरे पर रहेंगे।
एक प्रत्याशी को 40 लाख रुपए खर्च करने की लिमिट
इस बार चुनाव आयोग ने एक प्रत्याशी को चुनाव लड़ने के लिए 40 लाख रुपए खर्च करने की लिमिट निर्धारित की है। इससे पहले जब साल 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब 28 लाख रुपए खर्च लिमिट थी। साल 2018 में दोनों ही प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशियों ने औसतन 26 करोड़ रुपए चुनाव में प्रचार-प्रसार के दौरान खर्च किए थे।