ग्राम पंचायत गंभीरा के आराजी खसरा नंबर 1497 रकबा 0.44 हैक्टेयर गैर मुमकिन खातेदारी रिकॉर्ड में सिंचाई विभाग के नाम दर्ज है, यहां सूतडया (धोरे) हैं जिन पर कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर रखा था जिससे खेतों तक नहर का पानी नहीं पहुंच पा रहा था, किसान काफी परेशानी झेल रहे थे।
गंभीरा में प्रशासन गांवों संग अभियान शिविर लगा तो काश्तकारो ने एसडीएम को इस बारे में अपनी पीड़ा बताई जिस पर एसडीएम ने स्वयं की अध्यक्षता मे टीम गठित की जिसमें तहसीलदार, नायब तहसीलदार ,विकास अधिकारी और सिंचाई विभाग के अधिकारी शामिल थे।
टीम ने मौके पर पहुंच और अतिक्रमण चिन्हित कर तत्काल इसे हटवाया। काश्तकारों ने अतिक्रमण हटने से खुशी जाहिर की एवं प्रशासन गांवो के संग अभियान लगाने के लिए राज्य सरकार की प्रशंसा करते हुऐ सभी अधिकारीयों/कर्मचारीयों का आभार प्रकट किया और कहा कि अब नहर का पानी हमारे खेतो मे पहुंच सकेगा।
बरसों से चक्कर काट रहे थे, शिविर में आधे घंटे में मिल गए पट्टे
इसी प्रकार गंभीरा निवासी ओमप्रकाश पुत्र रामजस और रामजीलाल पुत्र प्रहलाद किसान हैं तथा कई सालों से अपने मकान के पट्टे बनवाने के लिये एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय के चक्कर काट रहे थे लेकिन पट्टे नहीं बन पाये।
फिर इन्होंने अखबार में पढ़ा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सभी पात्र लोगों के पट्टे बनाने के लिये 2 अक्टूबर से अभियान चलाने जा रहे हैं तो इन्होंने कार्यालयों के चक्कर काटना बंद कर दिया और अभियान दिवस पर कैम्प में पहुंच गये। कैम्प प्रभारी और मलारना डूंगर एसडीएम को इन्होंने समस्या बताई तो एसडीएम ने उनके दस्तावेज चैक कर आश्वासन दिया कि आपका पट्टा बन जायेगा।
दोनों परिवादी एसडीएम को धन्यवाद देकर घर जाने के लिये रवाना होने लगे तो एसडीएम ने कहा कि पट्टा लेकर ही जाना। इस पर दोनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने बताया कि एसडीएम साहब ने पट्टे का आश्वासन दिया तो हमे लगा कि 10-15 दिन में हमारा काम हो जायेगा लेकिन मौके पर ही पट्टा मिल जायेगा, यह तो सपने में भी नहीं सोचा था।
इसके आधा घंटे बाद ही एसडीएम ने उन्हें पट्टे सौंपे तो दोनो ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बहुत- बहुत आभार प्रकट किया तथा कहा कि हम सभी अधिकारीयों/कर्मचारीयों को भी धन्यवाद दे रहे हैं जो हमारे जैसे लोगों के लिये दिन-रात लगे हुए हैं।
आज मेरा काम हुआ, मै बहुत खुश हूं
खंडार में मदपुरी ग्राम पंचायत निवासी पपीता के पति हुकुम का निधन कुछ साल पूर्व हो गया था। उसकी एक पुत्री एवं एक पुत्र है जिनका नाम कोमल व नवीन है। पपीता की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी, जिससे पपीता को घर परिवार चलाने में समस्या का सामना करना पड़ रहा था और बच्चों की देखभाल सही तरह से नहीं कर पा रही थी लेकिन प्रशासन गांवों के संग अभियान ने उसकी परेशानी का हल निकाल दिया है।
इस अभियान के अन्तर्गत रेड़ावद में आयोजित शिविर में पपीता ने अपनी स्थिति के बारे में शिविर प्रभारी एसडीएम को अवगत कराया। शिविर प्रभारी ने तुरंत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी को निर्देश देकर कैम्प में पपीता का पालनहार में ऑनलाइन आवेदन करवाया व कैम्प के दौरान ही आवेदन स्वीकृत करवाया।
उसे प्रतिमाह 1500 रू मिलेंगे, साथ ही दोनों बच्चों के कपड़े और जूते आदि खरीदने के लिये हर साल 2-2 हजार रुपए अलग से मिलेंगे। इस राशि से पपीता के परिवार को आर्थिक संबल मिलेगा और वह बच्चों को बेहतर देखभाल कर पाएगी।
पपीता यह सहायता पाकर काफी प्रसन्न हुई एवं उसका चेहरा काफी खिल गया। उसने प्रशासन गांवों के संग अभियान चलाने के लिये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रशंसा की तथा कहा कि आज मेरा काम हुआ, मै बहुत खुश हूं।