जिला मुख्यालय पर सोमवार 6 मई को शहर के मुख्य बाजार में सिटी बसों के प्रवेश पर रोक लगाने के विरोध के चलते सिटी बस यूनियन ने हड़ताल कर दी। जिससे शहर की सार्वजनिक यातायात व्यवस्था ठप हो गई। जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ा। जानकारी के अनुसार शहर के व्यापारियों ने प्रातः 10 बजे से सांय 6 बजे तक बाजार में सिटी बसों के संचालन को बन्द करने की मांग की। इस पर जिला यातायात पुलिस प्रशासन द्वारा शहर के बाजार में सिटी बसों को जाने से रोक दिया। मुख्य बाजार में सिटी बसों को प्रवेश से रोके जाने से नाराज होकर सिटी बस यूनियन की ओर से दोपहर बाद हड़ताल कर दी गई। इसके बाद वहां करीबन 95 सिटी बसों का चक्का जाम हो गया। विरोध के चलते सिटी बस यूनियन की ओर से सभी बसों को राज बाग बस स्टैंड पर खड़ा कर दिया गया और जमकर नारेबाजी की गई।
सिटी बस यूनियन के अध्यक्ष अतीक अहमद ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस की ओर से दोपहर बाद पुराने शहर के मुख्य बाजार में सिटी बसों के प्रवेश को रोक दिया गया।
इसी के साथ-साथ ट्रैफिक पुलिस की ओर से सिटी बसों के संचालन के निर्देश खंडार बस स्टैंड हरसहायजी का कटला होकर करने के निर्देश दिए गए हैं। इसको लेकर सिटी बस यूनियन ने विरोध जताया और हड़ताल कर दी। उन्होने कहा कि मुख्य बाजार में आने वाले दो पहिया और चौपहियां वाहन वाले जगह-जगह वाहनों को खड़ा कर देते हैं जिससे बाजार में बार-बार जाम की स्थिति पैदा होती है। ट्रैफिक पुलिस की ओर से इन वाहनों को नहीं हटवा कर सिटी बसों को रोका जा रहा है। उन्होने कहा कि इससे जुड़े 300 परिवारों के सामने बेरोजगार होने की स्थिति पैदा हो जाएगी। ऐसे में सिटी बस यूनियन की ओर से अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल की घोषणा की गई है। सिटी बस यूनियन के पदाधिकारी का कहना है की सीधी बसों को मुख्य बाजार में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी तब तक यह हड़ताल लगातार जारी रहेगी। वहीं हड़ताल के चलते शहर से बजरिया आने जाने वाले यात्रियों को सफर करने मुसीबत का सामना करना पड़ा। लोगों ने बताया कि सिटी बसें बन्द होने से लोगों को ऑटो टेम्पों वालों की मनमानी का शिकार भी होना पड़ा। जो लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते नजर आये।