सामाजिक संस्था म्हारों बरवाड़ो फाउंडेशन से जुड़े पर्यावरण के पर्यावरण प्रेमियों ने पिछले 4 वर्षों से घरेलू चिड़ियां (गोरैया) को बचाने के लिए विशेष मुहिम शुरू की है। इसमें बड़ी संख्या में लोगों को जोड़ा जा रहा है। विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर विभिन्न स्थानों पर लकड़ी के बने पंछी घर लगा रहे हैं ताकि विलुप्त हो रही चिड़ियां की प्रजाति को फिर से बचाया जा सके।
अब तक 30 घोंसले रखे जा चुके हैं। मिशन आ चिड़ी के तहत विश्व गौरया दिवस के अवसर पर एक कार्यशाला का आयोजन महाराजा हम्मीर महाविद्यालय में किया गया। कार्यशाला मे की जानकारी देते हुए पर्यावरण प्रेमी और म्हारों बरवाड़ो फाउंडेशन के समन्वयक अनेन्द्र सिंह आमेरा ने बताया की देशी चिड़ियां गौरैया, जो कि आज से 15 साल पहले तक हमारे घरों में दिखाई देती थी, वह विलुप्त हो गई है।
इसे बचाने के लिए ही इस मुहिम को शुरू किया गया है। इस अवसर पर महाविद्यालय चेयरमेन सुरेन्द्र सिंह राजावत, प्राचार्य महेंद्र सिंह, म्हारों बरवाड़ो फाउंडेशन से जुड़े युवा अनेन्द्र सिंह आमेरा, शकील मंसूरी, सोनू निर्मल धाकड़, आशिक रहमान, विकास गुर्जर, समीर गुर्जर, महेंद्र वर्मा, जल सिंह गुर्जर सहित अन्य मौजूद रहे। उपखंड अधिकारी उपेंद्र शर्मा मे भी संस्था द्द्वारा चलाई जा रही मुहीम को कारगर और प्रेरणा दायी बताया।