बौंली तहसील के ग्राम परवाला की ढाणी जिसे बरडी की ढाणी या रावजी की ढाणी भी कहते है आज भी आवश्यक सुविधाओं से महरूम है। ग्रामवासियों ने बताया कि करीब 50 घरों की बस्ती के गांव में 200 से अधिक की आबादी है। ग्राम में एक राजीव गांधी पाठशाला चलती थी जिससे बंद कर दिया गया है जो अब कचरा व चारा घर बन गई है। बच्चों को 2 किमी पैदल चलकर शिक्षा प्राप्त करने जाना पड़ता है। पूरे गाँव में मीठे पानी का कोई साधन नहीं है। कुओं का पानी खारा कसैला व फ्लोराईड युक्त है। इसलिए कई किलोमीटर दूर से पीने का पानी लाना पड़ता है।
ग्राम में पहुंचने के लिए मात्र एक कच्चा रास्ता है जिससे होकर गांव पहुंचने में भी बहुत मुश्किल का सामना करना पड़ता है। इस ग्राम से शमशान करीब 3 किमी है जिस पर भी दंबगो द्वारा अतिक्रमण कर रास्ते बंद कर दिए गए हैं। गांव के तालाब के पानी पर भी दबंगो ने अपना कब्जा कर लिया है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार गॉव की समस्या से प्रशासन को अवगत कराया गया है लेकिन आज तक किसी जनप्रतिनिधि या प्रशासन द्वारा उन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है।