कृषक फसल विविधीकरण अपनाकर बढ़ाए आय : कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीना
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत दो दिवसीय विशिष्ट फसलों में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण विषय पर आयोजित सेमीनार का कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीना ने आज शनिवार को फूल उत्कृष्टता केन्द्र में फीता काटकर उद्घाटन किया। कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री ने कृषकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार द्वारा कृषक कल्याण संबंधी विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। किसानों को इन योजनाओं का जागरूक होकर लाभ लेना चाहिए।
कृषक परम्परागत कृषि के स्थान पर कृषि की नवीनतम तकनीकों एवं नवाचारों को अपनाए ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो सके। आज के दौर में किसानों की आय बढ़ाने के लिए विविधिकरण की महत्ती आवश्यकता है। किसान एक फसल पर निर्भर नहीं रहे वे खाद्यान्न के साथ-साथ बागवानी एवं फूल उत्पादन करें। उन्होंने कहा कि जैविक उत्पादन को बढ़ावा देकर इनकी पैकेजिंग और मार्केटिंग के माध्यम से किसानों की आय को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयासरत है। जिला कलक्टर डॉ. खुशाल यादव ने कृषकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से अपने खेत की मिट्टी की जांच करवाकर आवश्यकता अनुसार पोषक तत्वोंका प्रयोग कर उत्पादन बढ़ाने का प्रयास करें।
कृषि में रसायनों का प्रयोग बन्द कर किसानों को जैविक कृषि का उपयोग करना चाहिए ताकि मानव प्रजाति को कैन्सर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाया जा सकें। उन्होंने कहा कि किसान कृषि की नई तकनीक नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी उत्पादों का उपयोग कर उत्पादन बढ़ाकर जीवन स्तर में सुधार लाए। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी और गुणवत्तायुक्त जहरमुक्त उत्पादन मिलेगा। इस दौरान प्रोफेसर एलएन महावर, मुख्य प्रशिक्षक एसएन चौधरी, प्रोफेसर के.के. मीना, तथा कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा सेमिनार में विभिन्न सत्रों में राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत जिले के किसानों को बागवानी, बागवानी फसलों में पोषक तत्वों का प्रबंधन, मसाला कृषि एवं जैविक कृषि की नवीनतम पद्धतियों, मधुमक्खी पालन के लाभ आदि के बारे में जानकारी दी गई।
इस दौरान किसानों को संरक्षित खेती, ऑर्गेनिक फार्मिंग, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, प्लास्टिक मल्च की स्थापना व उद्यानिकी गतिविधियों, संरक्षित खेती, पॉली हाउस, शेडनेट हाउस , प्लास्टिक मल्च द्वारा सब्जियों की खेती से किसानों की आय में वृद्धि करने के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान किसानों को परम्परागत कृषि के साथ-साथ रजनीगंधा, ग्लेडियोलस, गुलाब, गुलदाउदी आदि फूलों की खेती करने की तकनीक से अवगत करवाया गया।
सेमीनार के दौरान जिले के प्रगतिशील किसान कुस्तला निवासी गजानन्द जाट, खिलचीपुर निवासी मोहन लाल बैरवा, चौथ का बरवाड़ा निवासी प्यारेलाल, गंगापुर निवासी राधेश्याम मीना ने जैविक खेती, फूल उत्पादन, मधु मक्खी पालन, पॉली हाउस आदि क्षेत्रों में अपनाए गए नवाचारों से उनकी आय वृद्धि एवं जीवन स्तर में हुए सुधार से अवगत करवाकर अन्य किसानों को प्रेरित किया। इस दौरान सुधांशु गुप्ता ने कुस्तला में स्थापित फूड प्रोसेसिंग यूनिट के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए सभी किसानों से आग्रह किया कि पके हुए अमरूद फूड प्रोसेसिंग यूनिट में देकर लाभ प्राप्त कर सकते है। इस दौरान संयुक्त निदेशक कृषि रामराज मीणा, परियोजना निदेशक आत्मा अमर सिंह, उप निदेशक उद्यान चंद्रप्रकाश बढ़ाया, उप निदेशक फूल उत्कृष्टता केन्द्र लखपत मीना सहित अन्य अधिकारी, कृषक उपस्थित रहे।