वर्ष 2016 से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा हर वर्ष वित्तीय साक्षरता सप्ताह (एफएलडब्ल्यू) का आयोजन किया जा रहा है ताकि देश भर में किसी विशेष विषय पर वित्तीय शिक्षा संदेशों का प्रचार किया जा सके। वित्तीय साक्षरता सप्ताह का आयोजन हर वर्ष देश भर में बैंकों और जनता के बीच संपर्क बनाने और वित्तीय साक्षरता के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए किया जाता है। एफएलडब्ल्यू 2020, एफएलडब्ल्यू 2021 और एफएलडब्ल्यू 2022 क्रमशः सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमईएस) औपचारिक संस्थानों से ऋण और ऋण अनुशासन और “डिजिटल चुनो सुरक्षा के साथ” के मुद्दों पर आधारित थे। इस वर्ष भी भारतीय रिजर्व बैंक 13 से 17 फरवरी, 2023 तक देश भर में वित्तीय साक्षरता सप्ताह आयोजित कर रहा है, जिसका विषय सही वित्तीय बर्ताव, करे आपका बचाव” है, जो वित्तीय शिक्षा के लिए राष्ट्रीय रणनीति 2020-2025 के समग्र रणनीतिक उद्देश्यों के अनुरूप है। यह एक अखिल भारतीय जागरूकता कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य “बचत, आयोजना और बजट-निर्माण” एवं “डिजिटल वित्तीय सेवाओं का विवेकपूर्ण उपयोग” जैसे विषयों के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इस विषय पर आवश्यक वित्तीय जागरूकता संदेशों को प्रसारित करने के लिए मीडिया के माध्यम से एक केंद्रीकृत जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा। वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2023 का उद्घाटन समारोह डॉ. मुकेश कुमार, महाप्रबंधक और कार्यालय प्रभारी, भारतीय रिजर्व बैंक, जयपुर की अध्यक्षता में 13 फरवरी 2023 को होटल रॉयल आर्किड, दुर्गापुरा, जयपुर – 302018 में आयोजित किया गया, जिसमें राजस्थान सरकार, नाबार्ड, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के प्रतिनिधि, सरकारी और प्राइवेट बैंकों के क्षेत्रीय प्रमुख उपस्थित थे। महाप्रबंधक और कार्यालय प्रभारी ने बताया कि “उचित वित्तीय व्यवहार” का आधार वित्त की योजना बनाना, बजट बनाकर बेहतर निर्णय लेना जिससे अप्रत्याशित आकस्मिकताओं और आपात स्थितियों से निपटा जा सके।
कोविड-19 महामारी ने व्यक्तियों के वित्तीय रेजिलेंस (financial resilience) और आने वाली विभिन्न आर्थिक और सामाजिक समस्याओं से लड़ने को तैयार रहने की आवश्यकता जताई है। महामारी के कारण वित्तीय लेन-देन के लिए डिजिटल मोड के उपयोग में वृद्धि हुई है। हालांकि डिजिटल वित्तीय सेवाएं सुविधाजनक और समय की बचत करने वाली हैं, लेकिन इसके साथ ही घोटालों, धोखाधड़ी, डेटा के अनधिकृत उपयोग आदि जैसी चुनौतियां भी सामने आ रही है। अतरू डिजिटल धोखाधड़ी को रोकने के लिए डिजिटल मोड का विवेकपूर्ण उपयोग किया जाना चाहिए। इस वर्ष की थीम में व्यक्तिगत स्तर पर वित्तीय रेजिलेंस (financial resilience), बचत और बजट के व्यवहार और डिजिटल सेवाओं के विवेकपूर्ण उपयोग को ध्यान में रखा गया है।
उन्होंने राज्य के लोगों के बीच वित्तीय साक्षरता के संदेश को प्रसारित करने हेतु बैंकों को उनकी वेबसाइट, एटीएम, मोबाइल एप्लिकेशन और शाखाओं में उपलब्ध डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड पर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विकसित पोस्टर प्रदर्शित करने की सलाह दी। इस विषय पर आवश्यक वित्तीय जागरूकता संदेशों को प्रसारित करने के लिए आरबीआई फरवरी माह के दौरान एक केंद्रीकृत जन मीडिया अभियान चलाएगा।