रणथम्भौर बाघ परियोजना सवाई माधोपुर द्वारा वन्य जीव सप्ताह का समापन समारोह आज शनिवार को मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव एवं क्षेत्र निदेशक रणथम्भौर बाघ परियोजना पी. काथिरवेल के मुख्य आतिथ्य में रामसिंहपुरा स्थित राजीव गांधी क्षेत्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय के ओडोटोरियम में आयोजित हुआ। मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव एवं क्षेत्र निदेशक रणथम्भौर बाघ परियोजना ने वन्यजीव के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए कहा प्रतिवर्ष 2 से 7 अक्टूबर तक वन्यजीव का मनाया जाता है। सप्ताह भर चलने वाला यह उत्सव महात्मा गांधी के सभी जीवित प्राणियों के प्रति अहिंसा और करुणा के सिद्धांतों को मजबूत करता है। वन एवं वन्य जीव हमारी धरा पर अमूल्य धरोहर हैं। ये मानव जीवन के प्रमुख हमसफर हैं। वन पृथ्वी के लिए सुरक्षा कवच हैं।
हम सबको पृथ्वी पर संतुलन बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयत्न करना चाहिए। मानव, पर्यावरण और वन्यजीव एक-दूसरे के पूरक हैं। बदलते परिवेश में हमें वन्यजीवों के संरक्षण और जैव विविधता के लिए अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने वन्यजीव सुरक्षा एवं सरंक्षण के प्रावधानों की जानकारी भी प्रदान की। उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य है हमे आने वाली पीढ़ी को वन व वन्यजीवों के संरक्षण के बारे में बताना आवश्यक है ताकि बच्चे वन और वन्यजीवों को समझ कर इसका पालना कर सकें। उन्होंने कहा कि “रणथम्भौर नेचर कैंपों” का आयोजन कर रणथम्भौर के परिधि क्षेत्र में आने वाले गांवों के ग्रामीणों को जंगल व बाघों के संरक्षण के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि रणथम्भौर को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि दिलाने में रणथम्भौर के वनकर्मियों के साथ-साथ यहां के वाशिंदों की प्रशंसनीय भूमिका है। वनाधिकारियों एवं कर्मचारियों के लगातार परिश्रम से रणथम्भौर बाघ परियोजना की घोषणा के समय मौजूद बाघों की संख्या 14 से बढ़कर 80 से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि आज रणथम्भौर देश में बाघों के जच्चा घर के रूप में विख्यात है। इस दौरान प्रोजेक्टर के माध्यम से बाघ संरक्षण पर बनी फिल्म किनारा का प्रदर्शन कर वन्यजीव प्रेमियों, छात्र-छात्राओं एवं आमजन को वन्य जीव संरक्षण के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही वन्यजीव फोटोग्राफी प्रदर्शित कर रणथम्भौर के वन्यजीवों की सुंदरता और विविधता का प्रदर्शन भी किया गया।
प्रतियोगिता के विजेताओं को किया सम्मानित:- इस अवसर पर वन्यजीव सप्ताह के तहत चित्रकला, निबंध, वाद-विवाद, वन्य जीव सुरक्षा आदि प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले 80 विजेताओं को अतिथियों द्वारा स्मृति चिह्न एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर वन्य जीव विशेषज्ञ धर्मेंद्र खांडल ने वन्यजीवों से संबंधित प्रश्नों के सही जवाब देने वाले विद्यार्थियों को पुस्कृत किया। इस दौरान उपवन संरक्षक संदीप कुमार, उप वन संरक्षक श्रवण कुमार रेड्डी, उप वन संरक्षक चम्बल घड़ियाल अनिल कुमार यादव, सहायक वन संरक्षक अरूण कुमार शर्मा सहित बाघ परियोजना की सीमा सटे पन्द्रह गांव के विद्यालयों करीब 150 छात्र-छात्राएं एवं आमजन उपस्थित रहे।