शिवाड़ कस्बे में शनिवार 29 जुलाई को मोहर्रम के अवसर पर मातमी धुनों के साथ ताजिये का जुलुस निकाला गया। इस दौरान अखाड़े के पहलवानो एवं उस्तादों ने चकित कर देने वाले करतब दिखाए। जुलुस के दौरान हिंदू मुस्लिमों का भाईचारा दिखाई दिया। मंजूर खान पठान ने बताया कि मुस्लिम समाज पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत का मातम मनाते है। इमाम हुसैन को कर्बला के मैदान में अपने साथियों के साथ शहीद कर दिया गया था। उनकी याद में ताजियां निकाली जाती है। कस्बे में गांव की जुलाहो मस्जिद एवं इमामबाड़ा छिपो के मोहल्ले से 11 बजे ताजियों की मातमी धुनों के साथ रवाना हुई जो दोपहर 2 बजे मुख्य चौराहा पर एकत्रित हुए। यहां अखाड़े के पहलवानों एवं उस्तादों द्वारा एक से बढ़कर एक करतब दिखाए गए।
इस दौरान मुस्लिम कमेटी द्वारा हिंदू एवं मुस्लिम समाज के गणमान्य व्यक्तियों का माला साफा पहनाकर स्वागत किया गया। शाम 4:30 बजे चौराहे से ताजियां मातमी धुनों के साथ रवाना हुई जो मुख्य बाजार बैंक ऑफ बड़ौदा नाथ कुशवाहा मोहल्ला से होती हुई निकली। इस दौरान ताजियों के साथ मुस्लिम महिलाएं भी नजर आ रही थी। शाम 6:30 बजे ताजियां कर्बला पहुंची, जहां सुपुर्द ए खाक किया गया। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम देखने को मिले।