जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने जल शक्ति अभियान के द्वितीय चरण की जिला स्तरीय समिति की आज सोमवार को कलेक्ट्रेट में बैठक ली तथा निर्देश दिये कि जल संरक्षण, सिंचाई और पेयजल से जुड़ी सभी योजनाओं का आमजन में सम्वन्वित प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने बताया कि जल शक्ति अभियान, राजीव गांधी जल संचय योजना, जल जीवन मिशन आदि योजनाओं की सफलता की पहली शर्त आम जन की योजना निर्माण, क्रियान्वयन और निगरानी में भागादारी है। कलेक्टर ने जिला स्तरीय निर्देशिका व एप बनाने के निर्देश दिए ताकि एक क्षेत्र में जल संरक्षण के लिये किये नवाचारों को दूसरे क्षेत्र के लोग वहॉं की स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप परिवर्तन कर लागू कर सकें। जिला स्तर पर जल शक्ति केन्द्र भी गठित होगा जो जल संरक्षण से जुड़े विभागों, एजेंसियों, गैर सरकारी संगठनों, पंचायती राज संस्थाओं और आमजन के बीच सूचना,, तकनीक के समन्वय और प्रचार-प्रसार का कार्य करेगा। कलेक्टर ने सभी राजकीय और अधिकतम निजी भवनों में इस मानसून से पूर्व रूफ टॉप वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाने के लिये प्लान बनाने तथा आमजन को प्रेरित करने के निर्देश दिये। ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी भवनों में मनरेगा मद में तथा शहरी क्षेत्र में सीएसआर या विभागीय फंड से ये जल संरक्षण ढॉचे बनाए जाएंगे। कलेक्टर ने जिले के सभी तालाब, झील, नदी, पोखर तथा इनके कैचमेंट एरिया का पुनः सर्वे करने के निर्देश दिये। सर्वे में अतिक्रमण पाया गया तो हटाया जाएगा, साथ ही गादध्मिट्टी हटाकर झील, तालाब को गहरा करने का कार्य भी किया जाएगा। इनके किनारे पौधारोपण और घासरोपण किया जाएगा ताकि मृदा कटाव न हो।
कलेक्टर ने निर्देश दिये कि “कैच द रैन वाटर” कैम्पेन को नेहरू युवा केन्द्र, स्काउट-गाइड व विद्यार्थियों की पूर्ण भागीदारी से संचालित करें ताकि आगामी मानसून में अधिक से अधिक लोग जल संरक्षण अभियान में जुड़ सकें। यह अभियान 30 नवम्बर तक चलेगा। कलेक्टर ने स्कूल समेत सभी सरकारी भवनों के परिसरों में आगामी मानसून में पौधारोपण अभियान की कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिये। बैठक में जिला परिषद के सीईओ आर.एस. चौहान, वन, वाटरशेड, शिक्षा, जल संसाधन, पीएचईडी आदि विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।