राज्य सरकार की घर-घर औषधि योजना के क्रियान्वयन को लेकर गठित जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन की अध्यक्षता में आयोजित हुई। जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने कहा कि घर-घर औषधीय योजनान्तर्गत घर-घर पौधे लगेंगे। उन्होंने योजना अन्तर्गत पौधों के वितरण के संबंध में टास्क फोर्स के साथ चर्चा की। जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि पौधों का वितरण इस तरह किया जाए की पौधों को क्षति ना हो तथा इनका समुचित स्थान पर रोपण एवं रखरखाव हो सकें। पौधों के वितरण के लिए ग्राम पंचायत के प्रमुख विद्यालय को चुना जाए जहां आमजन के वितरण की उचित व्यवस्था विभिन्न विभागों के समन्वय से की जाए। साथ ही जो औषधीय पौधे वितरण किए जाएंगे उनके महत्व को भी आमजन को समझाया जाए। इसके लिए आयुर्वेद विभाग, शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायती राज विभाग समन्वय से साथ कार्य करें तथा योजना के प्रति व्यापक जन जागरूकता लाई जाए।
बैठक में उप वन संरक्षक जयराम पांडे ने योजना अन्तर्गत तैयार किए गए औषधीय पौधे तथा उनके वितरण की कार्य योजना के संबंध में जानकारी दी। इसके अन्तर्गत तुलसी, गिलोय, कालमेघ एवं अश्वगंधा के दो-दो पौधे कुल 8 पौधे की किट दी जाएगी। इसके लिए जिला स्तर से ग्राम स्तर तक बेहतर क्रियान्वयन के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। इस अवसर पर डीएफओ ने यह भी बताया कि औषधिय पौधों के साथ ही वन महोत्सव अभियान के तहत 5 लाख 44 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी के अनुसार नर्सरियों से पौधे तैयार कर वितरण किए जा रहे है। उन्होंने पौधे प्राप्त करने के संबंध में जानकारी भी दी। बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामस्वरूप चौहान, अतिरिक्त जिला कलेक्टर डॉ. सूरज सिंह नेगी, नगर परिषद से नीलम कोठारी, सीडीईओ रामकेश मीना, एसई पीडब्लूडी और सीपीओ बाबूलाल बैरवा सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहें।