शुक्रवार को बेटी पंचायत के चैथे चरण के साथ बेटी पंचायत का समापन हुआ। बेटी पंचायत के आखिरी चरण के दिन बेटियां अनमोल है का संदेश लेकर घर घर पहुंचे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के डैप रक्षक और बेटियों को भी समान अवसर देने की अलख जगाई और ग्रामीणों को बताया कि बेटियों को भी जीवन, पढाई और जीवन की हर चीज में समान अवसर उपलब्ध करवाएं और उन्हें आगे बढने के लिए प्रेरित करें। बेटियां अनमोल है का संदेश गांव गांव पहुंचाने के लिए जिले की 200 ग्राम पंचायतों में सितंबर माह में बेटी पंचायत का आयोजन किया गया। बेटियों को बचाने के प्रति जनजागरूकता बढाने के लिए डाॅटर्स आर प्रीषियस अभियान के तहत बेटी पंचायतों को आयोजन जिले सहित प्रदेश भर में किया गया था।
प्रदेश की लगभग पांच हजार ग्राम पंचायतों में बेटी पंचायत का आयोजन कर आमजन को बेटियां अनमोल हैं संदेश दिया गया। इस नवाचार की शुरूआत सितंबर माह की 7 तारीख से हुई थी जिसका समापन 28 सितंबर को हुआ। महीने भर में चार बार 7, 14, 25, 28 को बेटी पंचायतों का आयोजन किया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. तेजराम मीना ने बताया कि जिले सहित प्रदेशभर की ग्राम पंचायतों पर डैप 3 आयोजित कर ग्रामवासियों को प्रेजेंटेशन, भावनात्मक फिल्में आदि दिखाकर व बेटियों के मुद्दों पर चर्चा करते हुए बेटी बचाओ का संदेश दिया जा रहा है। प्रदेश भर में 9800 ग्राम पंचायतें हैं जिनमें से प्रथम चरण में 5000 ग्राम पंचायतों में कार्यक्रम करने का लक्ष्य रखा गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित किए जाने वाले इस अभियान में महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायती राज विभाग के साथ साथ शिक्षा विभाग एवं बेटी बचाओ के क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं हेल्थ पार्टनर्स का भी सहयोग लिया गया। डाॅ. गिरिराज प्रसाद, डाॅ. सावित्री, विजय पणिकर, निक्की, पीसीपीएनडीटी काॅर्डिनेटर आशीष गौतम सहित समस्त डैप रक्षकों ने बेटी पंचायत में ग्रामीणों को जागरूक किया।
बेटी पंचायत से भी जुडा पोषण अभियान:-
सितंबर माह में डाॅटर्स आर प्रीषियस कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित होने वाली बेटी पंचायत में भी पोषण अभियान के बारे में जानकारी दी गई। बेटी पंचायत का आयोजन जिले भर की 200 पंचायतों में किया जा रहा है। बेटी पंचायत में जुटने वाले सभी ग्राम वासियों को अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि पोषण जीवन का एक अभिन्न अंग है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार, टीकाकरण, स्वच्छता, हाथों को सही प्रकार से खाने व खाना बनाने से पहले हाथ धोने, समय पर टीकाकरण करवाने, जन्म से लेकर छ माह तक बच्चों को केवल स्तनपान करवाने के बारे में जानकारी दी गई।