जिला कलेक्टर ने जिले में कोरोना संक्रमण के प्रसार रोकने के लिये बुधवार को व्यापारियों, धर्म गुरूओं, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक ली। जिला कलेक्टर ने कोरोना प्रसार रोकने के लिये अब तक किये प्रयास और गत कुछ दिनों में पाॅजिटिव संख्या में हुई वृद्धि के बारे में फैक्ट सामने रखे और सभी के सुझाव मांगे।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिये हैं कि कोरोना के ज्यादा मामले वाले स्थानों पर कम अवधि का लेकिन पर्याप्त माॅनिटरिंग वाला लाॅकडाउन लगायें। इन बैठकों को इसी सम्बंध में समाज के प्रबुद्ध वर्ग से फीडबैक और सहयोग लेने की कवायद माना जा रहा है।
जिला कलेक्टर ने बताया कि जिले में आज तक 188 पाॅजिटिव केस दर्ज हुये। समय पर पता लगने और बेहतर देखभाल से इसमें से 134 पूर्ण स्वस्थ हो गये हैं। 12 व्यक्तियों की कोरोना से मृत्यु हुई है। इनमें से अधिकतर मामलों में रोगी को समय पर अस्पताल नहीं लाया गया और मृतक अन्य गम्भीर बीमारियों से भी पीड़ित थे। वर्तमान में जिले में 42 एक्टिव केस हैं। कुल मिलाकर जिले की स्थिति नियंत्रण में है।
सूत्रों के अनुसार लेकिन व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाने, समझाइश करने, जुर्माना लगाने के बाद भी काफी लोग सोशल डिस्टेंसिंग, मेडिकल प्रोटोकाॅल की पालना नहीं कर रहे हैं, बेवजह सड़कों और चाय की थड़ियों पर बिना मास्क लगाये जमावड़ा कर रहे हैं। उन्हें न तो अपनी जान की परवाह है, न दूसरों की। ऐसे लोगों के कारण ही गत 10-12 दिन में कोरोना के काफी मामले सामने आये हैं। आजीविका चलती रहे, अर्थव्यवस्था की गति बढ़े, इसके लिये लाॅकडाउन में छूट दी गई है लेकिन आम आदमी की जान बचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। कलेक्टर ने कहा कि सोशल डिस्टंसिंग तथा एडवाईजरी की पालना नहीं करने पर प्रशासन को कड़े कदम उठाने पडेंगे जिससे आर्थिक गतिविधियों पर विपरीत असर पड़ेगा। अतः धार्मिक गुरू, व्यापारी, सामाजिक संगठन अपनी पूरी ताकत लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क संबंधी गाइडलाइन का पालन करवायें।
सरकारी सूत्रों के अनुसार बैठक में लगभग सभी प्रबुद्धजन ने बाजार में दुकानदारों का साप्ताहिक अवकाश रखने, दुकान खुलने का समय निश्चित करने, रात्रि में आवाजाही को नियंत्रित करने की मांग की। इस पर जिला कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि साप्ताहिक अवकाश का दिन जल्द ही घोषित कर दिया जायेगा।
चौथ माता मंदिर ट्रस्ट के श्रीदास सिंह राजावत, शहर काजी निसारउल्लाह, त्रिनेत्र गणेश मंदिर के संजय दाधीच, बजरिया गुरूद्धारा के मनजीत सिंह ने एक स्वर में बताया की कि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिये हम श्रृद्धालुओं से अपील कर रहे हैं। शहरी धार्मिक स्थल श्रृद्धालुओं के लिये बंद हैं और हमने लगातार समझाइश की है कि आगामी त्यौहार गणेश चतुर्थी, ईद उल जुहा, राखी पर बाजारों में भीड़ न करें, घर पर ही पूजा पाठ, इबादत करें। आम आदमी सरकार की गाइडलाइन की पालना कर रहा है। जो उल्लंघन करें, उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही हो, इसमें हम प्रशासन के साथ खड़े हैं।
उन्होंने जिला कलेक्टर की अपील पर आश्वासन दिया कि सोशल मीडिया और लाउडस्पीकर के माध्यम से 2 गज दूरी, बार-बार साबुन से हाथ धोने, घर पर ही इबादत/पूजा करने, सार्वजनिक स्थान पर न थूकने के लिये और अधिक समझाइश करेंगे। जब तक यह माहमारी समाप्त नहीं हो जाती, धार्मिक स्थल श्रृद्धालुओं के लिये खोलना गलत होगा।
खाद बीज विक्रेता संघ के देवेन्द्र सिंह राठौड़, वस्त्र व्यापार कमेटी के जगमोहन गोयल और रूपनारायण नामा, सब्जी मण्डी अध्यक्ष शंकरलाल माली, रेडीमेड व्यापार संघ के हरीश कप्तान, मनोज गर्ग, पदम जैन, धर्मेन्द्र कुमार और गौरीशंकर फागणा, कपड़ा व्यापार संघ के मुकेश जैन, दवा विक्रेता संघ के सुनील जैन, खाद्य व्यापार मण्डल के मोहन लाल मंगल, महेश कुमार, महेश गर्ग, एस एस गुप्ता आदि ने जिला कलेक्टर की सलाह पर निर्णय लिया कि जिलेभर में व्यापारवाइज और बाजारवाइज समितियों का गठन होगा जो व्यापारियों और ग्राहकों की सोशल डिस्टेंसिंग की निगरानी करेगी, उल्लंघन पर प्रशासन को सूचना देकर कार्यवाही करवायेगी, साथ ही किसी व्यापारी द्वारा उल्लंघन पर उसे ऐसोसिएशन, संघ से बाहर करेगी। साप्ताहिक अवकाश की पूर्ण पालना करवाने के साथ ही अवकाश के दिन का कुछ समय कोरोना जागरूकता अभियान को समर्पित करेंगे। सभी दुकान, शोरूम के बाहर और अन्दर कोरोना जागरूकता के संबंध में आवश्यक रूप से बैनर लगाएंगे।
जिला कलेक्टर ने नगरपरिषद आयुक्त और कृषि उपज मंडी समिति सचिव को कोरोना काल में सब्जी बेचान को विकेन्द्रकीकृत करने के निर्देश दिए। एक ही जगह के बजाय 4-5 प्वाइन्ट बनाये जायेंगे जिससे बेचने और खरीदने वालों की भीड़ कम हो, संक्रमण का खतरा कम हो।
इन बैठकों के बाद जिला कलेक्टर ने प्रशासन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, रीको, जिला उद्योग केन्द्र, परिवहन आदि विभागों के अधिकारियों की बैठक ली तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने सीएमएचओ और पीएमओ को निर्देश दिये कि कोरोना से रिकवर हो चुके मरीजों से सम्पर्क कर उन्हें प्लाज्मा डोनेट करने के लिये समझायें। सहमत होने पर इस आशय का सहमति पत्र भरवाकर चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारियों से समन्वय कर रिकवर व्यक्ति को सूचना दें कि उन्हें प्लाज्मा डोनेट करने के लिए कब और कहाॅं जाना है, उनके परिवहन की भी निर्धारित नियमों के तहत अच्छी व्यवस्था करें। 18 से 60 साल आयु का कोरोना रिकवर व्यक्ति प्लाज्मा दान कर कोरोना मरीजों की जान बचा सकता है। एसएमएस अस्पताल में प्लाज्मा बैंक बनाया गया है। वर्तमान में जयपुर, जोधपुर, कोटा और उदयपुर में प्लाज्मा थैरेपी की सुविधा उपलब्ध है। जिला अस्पताल पर प्लाज्मा थेरेपी से इलाज कराने के लिए राज्य सरकार प्लानिंग कर रही है। आगामी 10 दिनों में टोसिलीजूमेब इंजेक्शन एवं रेमीडेसिविर दवा जिला अस्पताल में उपलब्ध होने की सम्भावना है। इस इंजेक्शन की 1 डोज की कीमत 40 हजार रूपये है जिसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निःशुल्क उपलब्ध करवाया है।
बैठक में एडीएम बीएस पंवार, जिला परिषद सीईओ सुरेश कुमार, एएसपी गोपाल सिंह कानावत, एसडीएम रघुनाथ, अन्य अधिकारी, काजी मौहम्मद इरफान, काजी निसारूल्लाह, कुंज बिहारी अग्रवाल, श्रीदास सिंह, संजय दाधीच, मनोज खटवानी, हरिमोहन शर्मा सहित अन्य धार्मिक एवं सामाजिक संगठन, संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।