राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे बाल संरक्षण संकल्प यात्रा आज शनिवार को बांस टोरडा पहुंची। ग्राम पंचायत सरपंच जगदीश नारायण गुणसारिया की अध्यक्षता में यात्रा दल के साथ बैठक आयोजित हुई। बैठक में वार्ड पंच, आंगनबाडी कार्यकर्ता, कनिष्ठ सहायक सहित अन्य सदस्यों ने भाग लिया। इस दौरान यात्रा के सात संकल्पों पर चर्चा हुई। निष्क्रिय पड़ी बच्चों के अधिकार के लिए ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति का पुनर्गठन कर उसमें दो बाल प्रतिनिधि को सम्मिलित किया गया।
यात्रा का एक दल द्वारा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बांस टोरडा में सात संकल्पों पर आधारित नवाचारों सहित कई कार्यक्रय किए गए। योजनाओं का प्रचार-प्रसार करता बांस पर चलने वाला कलाकार ग्रामीणों में आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। घर-घर दस्तक के दौरान 27 आवेदन तैयार कराये। इस दौरान ग्रामीण अपनी समस्याएं बाल मित्रों से खुलकर साझा करने लगे हेै।
बांस टोरडा की सलमा बताती है कि उसका पति सद्दाम ने शादी के 6 वर्ष बाद मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया तब से मजदूरी कर अपनी 9 वर्ष की पुत्री सोना की पालन पोषण कर रही है। आधार भी पति ने रख लिया जिससे सोना का दाखिला स्कूल में नहीं हो पा रहा है। बाल मित्रों ने आधार बनाने की प्रक्रिया प्रारम्भ की। इसी तरह मूर्ति मौहल्ला की कविता की शादी जयपुर के रोशन के साथ हुई थी चार वर्ष बाद पति की अत्यधिक शराब के सेवन के कारण मृत्यु हो गई।
लगभग तीन वर्षों से पिता के साथ मूर्ति बनाने में मदद करती है, उसकी दो बेटियां है आना 5 व आशिका 4 वर्ष आंगनबाडी केन्द्र में पढ़ती है। योजनाओं का लाभ जानकारी के अभाव में नहीं मिल रहा था, बाल मित्रों ने विधवा व पालनहार योजना की लाभ दिलाने की कवायद प्रारम्भ की। इस दौरान यात्रा समन्वयक कैलाश सैनी, सीताराम गुर्जर, सोना बैरवा, जितेन्द्र सिंह, सफिस्ता खान, राकेश वर्मा, धर्मेन्द्र यादव उपस्थित थे।