आईसीजेएस सिस्टम की स्मार्ट पुलिसिंग को मजबूत करने में अहम भूमिका, इसकी शीघ्र सफल क्रियान्विति की जाए – मुख्य सचिव
मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में आज सोमवार को शासन सचिवालय में इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम 2.0 के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में गठित राज्य स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में आईसीजेएस 2.0 हेतु तैयार कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा कर प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। अनुमोदित प्रस्ताव को भारत सरकार को भेजा जायेगा। पन्त ने कहा कि यह गर्व का विषय है की इस वर्ष राजस्थान मे ई-अभियोजन, ई-जेल एवं क्राइम और क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम में अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर कार्य हुआ है उन्होंने कहा कि यह परियोजना स्मार्ट पुलिसिंग को और मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगी। इसलिए इसकी शीघ्र सफल क्रियान्विति सुनिश्चित की जाए।
उल्लेखनीय है कि ‘वन डेटा, वन एंट्री’ के सिद्धांत पर बनाये जा रहे आईसीजेएस 2.0 का मुख्य उद्देश्य आपराधिक न्याय प्रणाली के पांच स्तंभों (पुलिस, ई-अभियोजन, ई-जेल, ई-न्यायालय, ई-फोरेंसिक) को एकीकृत कर डेटा का निर्बाध आदान-प्रदान करना है। एनसीआरबी को इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी नामित किया गया है जो एनआईसी के सहयोग से कार्य करेगा। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह आनंद कुमार, पुलिस महानिदेशक यू.आर.साहू, शासन सचिव, वित्त (व्यय) विभाग नरेश कुमार ठकराल, शासन सचिव सूचना एवं प्रौद्योगिकी आरती डोगरा, पुलिस एवं सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहें तथा निदेशक एनआईसी शशिकांत, रजिस्ट्रार राजस्थान उच्च न्यायालय बालकृष्ण विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
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