Monday , 30 September 2024

नरपत सिंह राजवी यदि स्वर्गीय भैरोसिंह शेखावत की विरासत के वारिस है तो फिर चित्तौड़ में राजपूत समुदाय विरोध क्यों कर रहा है!

भाजपा ने देश के पूर्व उपराष्ट्रपति स्वर्गीय भैरोसिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी को चित्तौडगढ़ से उम्मीदवार घोषित किया है, लेकिन चित्तौड़गढ़ में नरपत सिंह राजवी का राजपूत समाज के लोग ही विरोध कर रहे हैं। चित्तौड़गढ़ के मौजूदा विधायक और राजपूत समाज में मजबूत पकड़ रखने वाले चंद्रभान सिंह आक्या ने तो विरोध के बाद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।

 

If Narpat Singh Rajvi is the heir to the legacy of late Bhairo Singh Shekhawat then why is the Rajput community in Chittorgarh protestingnarpat singh rajvibhero singh shekhawat

 

 

चंद्रभान सिंह आक्या का कहना है कि उन्होंने पांच वर्षों तक जनता की सेवा की है और पार्टी ने अंतिम मौके पर नरपत सिंह राजवी को उम्मीदवार बनाया है। चंद्रभान सिंह आक्या ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने पुरानी दुश्मनी का बदला लिया है। चित्तौड़गढ़ क्षेत्र में चर्चा चल रही है की राजपूत समाज अब नरपत सिंह राजवी को हराकर वापस जयपुर भेजेगा। किसी उम्मीदवार का विरोध होना राजनीति में सामान्य बात है, लेकिन राजवी का यह विरोध इसलिए मायने रखता है कि जब भाजपा की पहली सूची में जयपुर के विद्याधर नगर से राजवी के स्थान पर सांसद दीया कुमारी को उम्मीदवार बनाया गया तो राजवी ने दीया कुमारी के साथ – साथ भाजपा के नेतृत्व की भी आलोचना की।

 

 

 

 

 

राजवी का कहना रहा कि जिन भैरोसिंह शेखावत ने पार्टी के लिए खून पसीना बहाया है उन शेखावत के वारिस के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। भाजपा के नेतृत्व ने नरपत सिंह राजवी के बयान को गंभीर से लिया और प्रदेश प्रभारी व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह स्वयं राजवी से मिलने के लिए उनके घर गए। भाजपा ने स्वर्गीय शेखावत के वारिस राजवी का पूरा सम्मान करते हुए राजपूत बाहुल्य चित्तौडगढ़ से उम्मीदवार घोषित किया। लेकिन अब चित्तौड़गढ़ में राजवी का जबरदस्त विरोध हो रहा है। सवाल उठता है कि जब राजीव स्वर्गीय शेखावत की राजनीति के वारिस है तो फिर चित्तौड़गढ़ में इतना विरोध क्यों हो रहा है?

 

 

 

क्या चित्तौड़गढ़ के राजपूत स्वर्गीय शेखावत और उनके वारिस राजवी का सम्मान नहीं करते? राजवी भले ही स्वयं को स्व. शेखावत की विरासत का वारिस बताए, लेकिन सवाल उठता है कि क्या राजवी ने कभी स्वर्गीय शेखावत जैसी मेहनत और राजनीति की? राजीव ने कैसी राजनीति की है यह बात भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने एक वीडियो जारी कर बताई है। दाधीच ने कहा कि मालवीय नगर से टिकट कटने पर राजीव इतने नाराज हैं, जबकि राजवी स्वर्गीय शेखावत के नाम से आवंटित जिस बंगले में रह रहे हैं उसमें न जाने कितने कार्यकर्ताओं के टिकट काटे गए है।

 

 

 

राजीव आज स्वर्गीय शेखावत की विरासत का मुद्दा उठा रहे हैं। जबकि राजनीति में विरासत तो स्वर्गीय ललित किशोर चतुर्वेदी, स्वर्गीय भंवर लाल शर्मा जैसे नेताओं की भी है। लेकिन इन नेताओं के परिवार का कोई भी सदस्य सांसद विधायक नहीं बना। राजीव ने दीया कुमारी को लेकर जयपुर राजघराने पर जो प्रतिक्रिया टिप्पणी की है, उस पर राजीव को माफी मांगनी चाहिए। मुकेश दाधीच द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब राजवी ने आज तक नहीं दिया है। राजवी को भी यह बताना चाहिए कि आखिर चित्तौड़गढ़ में उनका विरोध क्यों हो रहा है? राजनीति में यदि जयपुर में राजवी को विरोध करने का हक है तो फिर चित्तौड़ में भी चंद्रभान सिंह आक्या को विरोध का अधिकार है।

 

 

पूर्व विधायक डॉ. श्रीबोपाल बाहेती हो सकते हैं निर्दलीय उम्मीदवार:-

अजमेर के पुष्कर से पूर्व विधायक नसीम अख्तर को कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित किए जाने से पुष्कर के ही पूर्व विधायक डॉ. श्रीबोपाल बाहेती के समर्थकों में नाराजगी है। समर्थकों का कहना है कि लगातार दो बार पराजित होने के बाद भी पार्टी ने नसीम अख्तर को उम्मीदवार बनाया है। जबकि डॉ. बाहेती ही पुष्कर में जीताऊ उम्मीदवार थे। पार्टी ने डॉ. बाहेती की लोकप्रियता को नजरअंदाज कर एक ऐसा उम्मीदवार घोषित किया है जिस पर जातिवाद के आरोप लगते रहे हैं।

 

 

नसीम अख्तर की उम्मीदवारी से डॉ. बाहेती के समर्थक चाहते हैं कि निर्दलीय उम्मीदवार के तोर पर चुनाव लड़ा जाए। 23 अक्टूबर को पुष्कर के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने डॉ. बाहेती के अजमेर स्थित आवास पर पहुंचे और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लडऩे का आग्रह किया है  इस संबंध में डॉ. बाहेती ने का कि पुष्कर से उम्मीदवार न बनाए जाने पर उन्हें भी मायूसी हुई है। यह सही है कि पुष्कर के कार्यकार्ता उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़वाना चाहते हैं।

 

 

 

डॉ. बाहेती ने कहा कि वे शुरू से ही कांग्रेस के अनुशासित कार्यकर्ता रहे है। उन्होंने हमेशा पार्टी के निर्देशों का पालन किया है। लेकिन इस बार पार्टी ने उनके सम्मान का ख्याल नहीं रखा है। आने वाले दिनों में वे अपनी रणनीति का खुलासा करेंगे। मालूम हो कि कांग्रेस की राजनीति में डॉ. बाहेती को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का समर्थक माना जाता है। लेकिन पिछले पांच वर्ष में डॉ. बाहेती को गहलोत के मुख्यमंत्री रहते हुए कोई राजनीतिक लाभ नहीं मिला है  पुष्कर से मजबूत दावेदारी के बाद भी पार्टी ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के समर्थक नसीम अख्तर को उम्मीदवार बना दिया।

 

रावत उम्मीदवार बनाने की मांग:-

रावत महासभा राजस्थान के अध्यक्ष डॉ. शैतान सिंह ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को एक पत्र लिखकर अजमेर के पुष्कर से रावत समुदाय का उम्मीदवार बनाने की मांग की है। महासभा के प्रवक्ता सुरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि पत्र में खडग़े को बताया है कि पुष्कर क्षेत्र रावत बाहल्य है। पूर्व में 1977 में पुष्कर से कांग्रेस ने रावत को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन इसके बाद से अभी तक भी रावत समुदाय को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है।

 

 

इस से रावत समुदाय में कांग्रेस के प्रति नाराजगी है। हालांकि इस पत्र में किसी नेता के नाम का उल्लेख नहीं है, लेकिन रावत महासभा के अध्यक्ष शैतान सिंह रावत ने भाजपा से उम्मीदवार जताई थी। भाजपा ने यहां मौजूदा विधायक सुरेश रावत और कांग्रेस ने गत बार की उम्मीदवार नसीम अख्तर को ही उम्मीदवार घोषित कर दिया है। पुष्कर से एडवोकेट राजेंद्र सिंह रावत ने भी कांग्रेस से अपनी उम्मीदवारी जताई है।

 

समधन से भिड़ंत:-

कांग्रेस ने राजस्थान के सोजत विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य को उम्मीदवार बनाया है। यहां भाजपा ने पहले ही मौजूदा विधायक शोभा चौहान को उम्मीदवार घोषित कर रखा है। शोभा चौहान के पुत्र मयंक का विवाह इसी वर्ष निरंजन आर्य के छोटे भाई श्रवण आर्य की पुत्री वीजीविका के साथ संपन्न हुआ है।

 

 

 

श्रवण आर्य अजमेर में सेलटैक्स अधिकारी के पद पर कार्यरत है। यानी निरंजन आर्य की भिड़ंत अपनी समधन से ही है। यहां उल्लेखनीय है कि 2018 में शोभा चौहान ने निरंजन आर्य की पत्नी संगीता आर्य को ही हराया था। इस राजनीतिक लड़ाई के दौरान ही दोनों परिवार आपसी रिश्तों में बंध गए है। अब देखना होगा कि शोभा चौहान इस बार अपने समधी को किस प्रकार से हराती है। अलबत्ता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निरंजन आर्य की पत्नी संगीता आर्य को गत वर्ष राज्य लोक सेवा आयोग का सदस्य बना दिया था। सेवानिवृत्ति के साथ ही निरंजन आर्य को भी मुख्यमंत्री ने अपना सलाहकार घोषित कर दिया था।

 

(सोर्स : एसपी मित्तल ब्लॉगर)

About Vikalp Times Desk

Check Also

Goats tied in cages to catch leopard in Bijnor up

तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरे में बांधी बकरियां, चुरा ले गए चोर

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के बिजनौर में पिछले कई महीनों से तेंदुए ने आ*तंक मचाया …

Jaipur Rajasthan Police news 29 sept 24

लडकियां सप्लाई के नाम पर बड़े गि*रोह का पर्दाफाश, 7 युवतियां सहित 10 गिरफ्तार

जयपुर: जयपुर पुलिस ने ऑनलाइन एस्कोर्ट सर्विस गैं*ग का आज रविवार को पर्दाफाश किया है। …

Centenarian voters Rajasthan will be honored Sawai Madhopur News

100 वर्ष या अधिक आयु के मतदाता होंगे सम्मानित

सवाई माधोपुर: भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली के निर्देशानुसार निर्वाचन विभाग 1 अक्टूबर, 2024 को …

Water level of Kosi Barrage rises, many areas of Bihar affected by flood

कोसी बैराज का बढ़ा जलस्तर, बिहार के कई इलाके बाढ़ से प्रभावित

बिहार: नेपाल में भारी बारिश की वजह से आज रविवार सुबह 5 बजे वीरपुर के …

Engineering college student jaipur police 29 sept 24

इंजीनियरिंग छात्रा से रे*प का प्रयास

जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक इंजीनियरिंग छात्रा के साथ रे*प की कोशिश का …

error: Content is protected !! Contact Vikalp Times Team !