एक आदमी सतर्क होगा तो पूरा जिला सतर्क होगा
“मैं सतर्क हूं” पहल के अन्तर्गत सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के सेवानिवृत उप निदेशक तथा प्रसार के पूर्व अध्यक्ष सीताराम मीणा ने सूचना केन्द्र में जिला स्तरीय कोरोना जागरूकता प्रदर्शनी का अवलोकन कर सेल्फी ली तथा इसे अपने सोशल मीडिया अकांउट्स पर अपलोड किया।
मलारना चौड़ निवासी मीना ने बताया कि गांवों में कोरोना जागरूकता की बहुत आवश्यकता थी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गांव-गांव, ढाणी-ढाणी तक जागरूकता संदेश फैलाकर बहुत अच्छा कार्य किया है। लॉकडाउन में छूट देने से बड़ी संख्या में ग्रामीणों को भ्रम हो गया था कि कोरोना जाने वाला है या चला गया है। इस जागरूकता अभियान के बाद ग्रामीण समझ गये हैं कि कोरोना का खतरा पहले से भी ज्यादा है, बस रोजी-रोटी, आजीविका चलती रहें, इसके लिये छूट दी गई है। हमें अब पहले से भी ज्यादा सावधान रहना है। उन्होंने बताया कि मैंने कई जिलों की जागरूकता प्रदर्शनी का प्रत्यक्ष या फोटो/वीडियो के माध्यम से अवलोकन किया है। मुझे सवाई माधोपुर की प्रदर्शनी सर्वश्रेष्ठ लगी।
प्रदर्शनी का अवलोकन कर ली सेल्फी
राज्यव्यापी कोरोना जागरूकता अभियान का मंगलवार को समापन हो गया है, लेकिन सूचना केन्द्र में चल रही कोरोना जागरूकता जिला स्तरीय प्रदर्शनी आगामी 31 जुलाई तक आमजन के अवलोकनार्थ खुली है।
मंगलवार को बड़ी संख्या में सरकारी कार्मिकों, विद्यार्थियों और आमजन ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा प्रदर्शनी को कोरोना जागरूकता की दिशा में सही समय पर सही कदम बताया।
रूडिप के अधिशाषी अभियन्ता हरीश अग्रवाल, सहायक लेखाधिकारी संतोष गुप्ता, प्रकाश दवे सहित अन्य कार्मिकों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया, सेल्फी ली तथा प्रदर्शनी के कंटेंट सलेक्शन की सराहना की। आगंतुकों को सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की सुजस तथा इसी विभाग और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा प्रकाशित कोरोना जागरूकता साहित्य की निःशुल्क प्रतियॉं वितरित की गई।
इन सभी ने प्रदर्शनी के संदेश 2 गज दूरी, मास्क लगाने, सार्वजनिक स्थान पर न थूकने, बार-बार हाथ धोने का संकल्प लिया। उल्लेखनीय है कि 1 जुलाई से 31 जुलाई तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में सवाई माधोपुर समेत पूरे राज्य में कोरोना नियंत्रण के लिये किये गये कार्य, अभिनव नवाचार, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संकल्प “कोई भूखा न सोये” और “कोई पैदल न चले” की अक्षरशः पालना के लिये किये गये महती कार्य, दूसरे राज्यों के प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने और राजस्थान के प्रवासी श्रमिकों को बाहर से लाने के लिये किये गये प्रसास, उनके खाने-पीने, क्वारेंटाइन, स्क्रीनिंग के लिये किये कार्य, राज्य के प्रवासी श्रमिकों और आर्थिक रूप से कमजोर अन्य लोगों को निःशुल्क गेहूं और चना दाल वितरण, नगद सहायता, कोरोना पॉजिटिव के बेहतरीन उपचार, अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत कम मृत्यु दर तथा बहुत अधिक रिकवरी दर की सफलता को प्रदर्शनी में आकर्षक चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है। प्रर्दशनी में प्रोजक्टर के माध्यम से कोरोना जागरूकता सम्बंधी लघु फिल्म, डॉक्यूमेंट्री फिल्म और जिंगल का भी प्रदर्शन किया जा रहा है।