रणथंभौर नेशनल पार्क के जोन 5 कुंडेरा वन रेंज में स्थित कचीदा माता मंदिर पर वन विभाग द्वारा अतिक्रमण बताकर कार्यवाही के आदेश दिए गए हैं, जिस पर क्षेत्र के ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए नाराजगी जाहिर की है और इस संबंध में एसीएफ वन विभाग को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही को रोकने की मांग की है। पार्षद नीरज मीना ने बताया कि भाजपा के जिला उपाध्यक्ष भवानी सिंह मीणा के नेतृत्व में आज शनिवार को इस संबंध में वन रेंज के आसपास स्थित 25 गांवों की एक संयुक्त बैठक उलियाना गांव में आयोजित हुई, जिसमें वन विभाग द्वारा कचीदा माता मंदिर के क्षेत्र को अतिक्रमण बताकर कार्यवाही किए जाने को गलत बताया गया।
इस दौरान भवानी सिंह मीना ने कहा कि पूर्वजों की परंपरा के आधार पर रणथंभौर वन क्षेत्र के कचीदा क्षेत्र में स्थापित कचीदा माता मंदिर लगभग 25 गांवों के लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां पर सैकड़ों भक्त रोजाना माता के दर्शनों के लिए आते हैं। शुक्रवार को कार्यालय उप वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक प्रथम रणथंभौर बाघ परियोजना द्वारा क्षेत्रीय वन अधिकारी कुंडेरा को कचीदा माता स्थान को अतिक्रमण मानते हुए हटाने के आदेश जारी किए हैं। कचीदा माता मंदिर पर लगाए गए टीनशेड यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए छाया के हिसाब से लगाए गए हैं, जिन्हें विभाग गलत बता रहा है।
भवानी सिंह ने कहा कि यह आदेश पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है क्योंकि वर्षों से 25 गांवों के इस परंपरागत आस्था केन्द्र पर कभी भी अतिक्रमण नहीं बताया गया। विभाग द्वारा ऐसा बेतुका आदेश निकालकर लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। यदि वन विभाग ने अतिक्रमण के नाम पर यहां कोई भी कार्यवाही की तो विभाग के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा। सरपंच प्रतिनिधि बाबूलाल मीणा ने कहा कि वन विभाग की यह कार्यवाही लोगों की आस्था पर चोट है।
धार्मिक स्थल को अतिक्रमण मानने के विरोध में सोमवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। ज्ञापन देने वालों में सुरेंद्र शर्मा शेरपुर, चेतराम मीना शेरपुर, घनश्याम मीना उलियाना, जेपी मीना रांवल, हेमू पंडित कुंडेरा , राजेश गुर्जर उलियाना, बाबूलाल मीना सरपंच कुंडेरा, घमंडी मीना सरपंच ओलवाड़ा, आकाश शर्मा, महावीर चौधरी सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे।