श्री दिगंबर जैन चमत्कार मंदिर आलनपुर में समता शिरोमणि, ज्ञान रत्नाकर, आचार्य सुकुमाल नंदी गुरुदेव ने शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक को हमेशा लोग दुकानदार की दृष्टि से देखते हैं लेकिन शिक्षक ज्ञान का दुकानदार नहीं, ज्ञान का वह जलता हुआ दीपक है जो स्वयं जलता है और दूसरों को भी प्रकाशित करता है।
शिक्षक हमेशा थकता नहीं है और शिक्षक कभी हारता नहीं है। आचार्य ने कहा कि 1 साल की सोच हो तो बीज बोए, 10 साल की सोच हो तो पेड़ लगाइए, 500 साल की सोचो तो शिक्षक बन जाइए। शिक्षक देश का भविष्य है।
आचार्य ने कहा कि यदि शिक्षक स्वयं संस्कारित है तो देश का भविष्य भी संस्कारित है जीवन देने के लिए हमेशा अपना पिता का ऋणी बनना चाहिए लेकिन अच्छे जीवन के लिए अपने शिक्षक का ऋणी रहना चाहिए। मां की गोद दुनिया की सबसे बड़ी पाठशाला है कोई कैसे कामयाब होता है यह शिक्षक से सीखिए संकल्प समर्पण शक्ति धैर्य और लक्ष्य की मूर्ति है शिक्षक। दुनिया में माता पिता और गुरु सबसे बड़े शिक्षक है। आज गुरुओं ने हमको वर्णमाला सिखाई उसी वर्णमाला के माध्यम से हमको अपने गुरुओं का सम्मान करना चाहिए। जिन्होंने हमको जीवन के स्वर और कामयाबी के सूत्र दिए ऐसे शिक्षकों के प्रति सदैव आदर भाव रखना चाहिए। यदि हम शिक्षकों का सम्मान करेंगे तो हमारे जिंदगी सफल रहेगी।
धर्म सभा के दौरान अंजू पाटोदी गुवाहाटी ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया वहीं दीप प्रज्वलन रमेश पाटोदी एवं मातोश्री सरोज देवी जोधपुर ने किया।
आचार्य के सानिध्य में सभी शिक्षकों का सम्मान किया गया। महिला और पुरुष सभी शिक्षकों ने आचार्य से आशीर्वाद लिया।