सवाई माधोपुर के उप स्वास्थ्य केंद्रों पर भी अब से अंतरा इंजेक्षन उपलब्ध होगा। इस सुविधा से महिलाओं को काफी सुविधा होगी। इसी के लिए एएनएम को प्रशिक्षित करने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. तेजराम मीना ने बताया कि अंतरा इंजेक्शन जुलाई 2017 से जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक व अप्रैल 2018 से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक उपलब्ध करवाया जा रहा है। अब तक जिले में अंतरा इंजेक्षन जिला अस्पताल सवाई माधोपुर, उप जिला अस्पताल गंगापुरसिटी व सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है, जहां पर प्रशिक्षित चिकित्सा कार्मिकों द्वारा यह महिलाओं को लगाया जाता है। पर अब एएनएम के इस दो दिवसीय प्रशिक्षण के कुछ समय पश्चात् अंतरा उप स्वास्थ्य केंद्रों पर भी प्रशिक्षित एएनएम द्वारा लगाया जाएगा।
प्रशिक्षण में सभी प्रशिक्षणार्थियों को अंतरा इंजेक्शन से जुडी सभी प्रकार की जानकारियां, लाभार्थियों में व्याप्त भ्रांतियां, सही प्रकार से काउंसलिंग, अंतरा लगवाने के बाद होने वाले बदलाव, फायदे बताए गए। उन्हें बताया गया कि अंतरा किस महिजा को, कब व कैसे लगाया जाना है की जानकारी दी गई। अंतरा के लिए मोटीवेट करने वाली आशा को 100 व अंतरा लगवाने वाली महिला को भी 100 रूपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। काउंसलिग को सुदृढ बनाने के लिए एएनएम के बीच रोल प्ले भी करवाया गया। साथ ही सभी को निर्देशित किया गया वे पहली बार अंतरा लगवाने वाली महिलाओं को इस प्रकार से काउंसिल कर मानसिक रूप से तैयार करें ताकि वे अंतरा के अगले डोज को लगवाने में हिचकिचाए नहीं।
साथ ही उन्हें बताया गया कि शादी की सही उम्र, पोषण, परिवार कल्याण में विभाग की भूमिका, परिवार कल्याण के साधनों, उनके प्रकार, साधनों को कब कहां कैसे प्रयोग में लिया जाए के बारे में विस्तार से बताया। एफपीएलएमआईएस के बारे में भी एएनएम को प्रशिक्षण देते हुए बताया कि किस प्रकार से परिवार कल्याण साधनों के स्टाॅक के बारे में साॅफ्टवेयर पर जानकारी भेज कर स्टाॅक को अपडेट किया जा सकता है व किस प्रकार परिवार कल्याण के साधनों की डिमांड की जा सकता है। साथ ही इंडेंट व अपडेट कोड के माध्यम से होता है जिनकी प्रेक्टिकल रूप से विस्तार से जानकारी दी गई। प्रशिक्षण जिला स्तरीय प्रशिक्षक डाॅ. सौरभ अग्रवाल व डाॅ. कविता नंदवानी ने दिया व प्रशिक्षण में अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. कैलाश सोनी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुधीन्द्र शर्मा, डीपीओ दीपक शर्मा मौजूद रहे।
तीन माह में एक बार लगता है अंतरा इंजेक्शन:
अंतरा महिलाओं के लिए गर्भनिरोधक है। यह एक इंजेक्टेबल है यानि कि इंजेक्शन के माध्यम से दिए जाने वाला गर्भनिरोधक। अंतरा परिवार कल्याण के साधनों में से सबसे अच्छे साधनों में से एक है। इस इंजेक्शन का उपयोग करने वाली महिला को एक इंजेक्शन लगवाने के बाद अगले तीन माह तक गर्भधारण रोकथाम के लिए अन्य किसी साधन का उपयोग करने की जरूरत नहीं है। इतना ही नहीं तीन माह बाद इंजेक्शन की अवधि पूरी होते ही महिला के मोबाइल पर संदेश भी आता है जिसमें उसे इंजेक्शन का अगला डोज लगवाने की सूचना दी जाती है। इसके बाद महिला स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंच कर इंजेक्शन लगवा सकती है। इसे लगवाने के बाद महिला अगले तीन माह तक गर्भधारण की चिंता से मुक्त हो सकती है।
नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर कर सकती हैं संपर्क:
कोई भी महिला जो कि अंतरा अथवा छाया को गर्भनिरोधक के रूप में अपनाना चाहती है वो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र, एएनएम, आशा अथवा पीएचसी सीएचसी पर संपर्क कर सकती है।