भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी चयन बोर्ड कई नवाचार करने जा रहा है। प्रमुख रूप से 15 हजार से कम भर्ती वाली परीक्षाएं ऑफलाइन के बजाय ऑनलाइन करने पर विचार है। इसके लिए कम्प्यूटर बेस्ड सिस्टम तैयार किया जा रहा है। बोर्ड की लीगल और तकनीकी सेल विभिन्न इंजीनियरों के साथ कई दौर की बैठकें कर चुकी हैं। बोर्ड 15 हजार से कम भर्तियों वाली परीक्षा कराने के लिए दो तरह से सिस्टम पर काम हो रहा है। पहला कम्प्यूटर बेस्ड और दूसरा तकनीकी या मोबाइल आधारित होगा।
यह सब मामला टाइम लाइन पर आधारित होगा। जैसे परीक्षा से ठीक पहले लिंक परीक्षार्थियों के मोबाइल पर आएगा। तय समय पर लिंक ओपन करने पर प्रवेश पत्र कोड या नंबर इंद्राज करेंगे तो स्क्रीन पर प्रश्न आएगा। इसकी भी टाइम लाइन तय होगी। तय समय उत्तर लोड करना होगा, वरना स्क्रीन पर दूसरा प्रश्न आ जाएगा। दूसरा सिस्टम यह भी हो सकता है कि एक ही एग्जाम के कई अलग-अलग प्रश्न पत्र एबीसीडी सिस्टम से तैयार किए जाएं और एग्जाम के दिन रोल नंबर के आधार पर ओड-इवन यानी सम-विषम पर आधारित परीक्षा कराएं। हालांकि इसमें समय लगेगा।
इस पैटर्न का सबसे बड़ा फायदा फर्जीवाड़ा रोकने को लेकर होगा, क्योंकि कैसा भी एक्सपर्ट या होशियार प्रतियोगी हो, लेकिन 30 सेकंड से एक मिनट के समय में किसी भी प्रश्न का उत्तर नहीं ढूंढ सकता है। लेकिन चुनौती यह रहेगी कि कई अभ्यर्थी इतने एक्सपर्ट होते हैं, जो उसी दौरान इंटरनेट पर सर्च कर जवाब ढूंढने का प्रयास कर सकते हैं। इसका समाधान भी जरूरी है। जिन्हें आंसर पता है, वह चंद सेकंड में ही जवाब अपलोड कर सकेगा।
पिछले 5 साल के दौरान कई भर्ती परीक्षाओं के पेपर आउट हो चुके हैं। डमी अभ्यर्थियों के पकड़े जाने के मामले भी आम हुए हैं, जो उत्तीर्ण भी हुए और दूसरे लोग नौकरी में लग गए। कुछ समय पहले ही एसओजी ने 50 से अधिक फर्जी एसआई को प्रशिक्षण के दौरान गिरफ्तार किया था। ऐसे सभी फर्जीवाड़े रोकने लिए भर्ती एजेंसी राजस्थान लोक सेवा आयोग और राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी चयन बोर्ड नवाचार कर रहा है।