जिला कलेक्टर डॉ.एस.पी. सिंह ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे आमजन की शिकायतों और समस्याओं की सुनवाई स्थानीय स्तर पर ही कर उन्हें राहत प्रदान किया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी लंबित प्रकरणों का त्वरित निस्तारण करते हुए ऐसी व्यवस्था तैयार करें जिससे आमजन को ऐसे मामलों में बार-बार जिला मुख्यालय के कार्यालयों में नहीं आना पड़े।
डॉ. सिंह जिला कलेक्ट्रेट सभागार में राजस्व अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने सभी उपखण्ड अधिकारियों और तहसीलदारों को निर्देश दिए कि वे साप्ताहिक आधार पर कार्यों की समीक्षा करें और जो कार्मिक अपने कार्य में कोताही बरत रहा है उसके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें। उन्होंने खण्डार सहित अन्य उपखण्डों में कोताही बरतने वाले कार्मिकों के विरुद्ध कार्यवाही करने के निर्देश उपखण्ड अधिकारी को दिए।
कलेक्टर डॉ. सिंह ने कहा कि सीमाज्ञान के सैकड़ों की संख्या में मामले लम्बित हैं। ऐसे मामलों में अक्सर अधिकारी बहाना करते हैं कि फसल खड़ी है। उन्होंने निर्देश दिए कि फसल की स्थिति में भी दोनों पक्षों को विश्वास में लेकर सीमाज्ञान करवाया जा सकता है। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे निर्धारित 27 बिन्दुओं के आधार पर अपने क्षेत्रों में हो रहे कार्यों की लगातार समीक्षा करें। उन्होेंने निर्देश दिए कि राजस्व प्रकरणों में जीरों पैंडेन्सी के लिए अधिकारी प्रयास करें।
जिला कलेक्टर ने बैठक में राजस्व अधिकारियों को राजस्व न्यायालयों में विचारधीन मुकदमों का निस्तारण लक्ष्य अनुसार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी प्रकार की राजस्व आय एवं वसूली लक्ष्य अनुसार पूर्ण की जावें। उन्होंने एल.आर.एक्ट एवं एम.ए.एस.टी. के प्रकरणों के भी त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए।
उन्होंने खातेदारी के मामलों में रिकॉर्ड एवं मौके की जांच कर सभी विवाद रहित मामलों में नियमानुसार कार्यवही करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि विचारधीन राजस्व मुकदमों के त्वरित एवं नियमानुसार निस्तारण के प्रयास किये जायें ताकि आमजन को समय पर न्याय मिल सके। उन्होंने निर्देश दिए कि संबंधित अधिकारीगण सप्ताह में कम से कम दो दिन राजस्व मुकदमों की सुनवाई अवश्य करें।
उन्होंने सभी प्रकार की बकाया राजस्व वसूली के लिए मिशन मोड में प्रयास करने एवं शत-प्रतिशत वसूली किये जाने के भी निर्देश दिए। बैठक में पंजीयन, म्यूटेशन, जमाबंदी, सीमाज्ञान, प्राथमिक जांच, तहसीलदार लेवल की जांच, सेग्रिगेशन, कम्प्यूटर में म्यूटेशन फीडिंग और मॉडल रिकॉर्ड रूम के प्रकरणों पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा हुई।
बैठक में एसीपी प्रदीप शर्मा के अलावा जिले के समस्त उपखंड अधिकारी, तहसीलदार एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।