खनन अधिकारियों को राजस्व वसूली पर विशेष ध्यान देने के निर्देश
मासिक लक्ष्यानुसार राजस्व संग्रहण पर राज्य सरकार का फोकस
निदेशक खान एवं भूविज्ञान भगवती प्रसाद कलाल ने खनन अधिकारियों से विभागीय राजस्व में होने वाली छीजत को रोकते हुए राजस्व वसूली पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। उन्होेने कहा कि विभाग द्वारा राजस्व वसूली के मासिक लक्ष्य निर्धारित कर जारी किये जा चुके हैं। डीएमजी कलाल शुक्रवार को खनन विभाग के अधिकारियों से वीडियो कॉफ्रेसिंग के माध्यम से रुबरु हो रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राजस्व अर्जन करने वाले विभागों की राजस्व वसूली की मासिक समीक्षा की जा रही है, ऐसे में लक्ष्यों के अनुसार वसूली में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा 15 मई तक 863 करोड़ 78 लाख रु. का राजस्व अर्जित किया जा चुका है। भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि खनन विभाग की राजस्व वसूली में आलोच्य अवधि में लक्ष्यों के विरुद्ध 100 प्रतिशत से भी अधिक राजस्व अर्जित कर एसएमई भीलवाड़ा वृत पहले और एसएमई जयपुर वृत दूसरे नंबर पर है। इसी तरह से कार्यालयानुसार वसूली में एएमई टोंक ने 206 प्रतिशत और एमई सिरोही ने 204 प्रतिशत से अधिक राजस्व अर्जित किया है।
एमई भरतपुर, भीलवाड़ा, श्रीगंगानगर, झुन्झुनू, बीकानेर और जयपुर व एएमई चुरु और बारां ने लक्ष्यों से 100 प्रतिशत से भी अधिक राजस्व संग्रहित किया है। उन्होंने लक्ष्यों से कम वसूली करने वाले कार्यालयों को राजस्व वसूली के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। कलाल ने वीसी में पुरानी बकाया, बड़ी कंपनियों से राजस्व वसूली, अभियानों के दौरान लगाई गई जुर्माना राशि की वसूली सहित विभिन्न बिन्दुओं पर समीक्षा की।
टीए डीएमजी देवेन्द्र गौड ने पीपीटी प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से अवगत कराया। वितीय सलाहकार गिरिश कच्छारा ने राजस्व लक्ष्यों और उसके विरुद्ध वसूली प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार का राजस्व वसूली पर विशेष फोकस है। वर्चुअल बैठक में अतिरिक्त निदेशक बीएस सोढ़ा, पीआर आमेटा, एमपी मीणा आदि ने अपने अपने क्षेत्र की विस्तार से जानकारी दी। वीसी में विभाग के अतिरिक्त निदेशक, एसएमई, एमई, एसजी स्तर के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।