“समय जब साथ देता है, मुकद्दर जाग जाता है
ये सूरज भागता है, जब फलक पर चांद आता है।”
कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन
अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति नामक वैश्विक और प्रतिष्ठित संस्था द्वारा सवाईमाधोपुर से राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का वर्चुअल आयोजन किया गया। इस कवि सम्मेलन में नोएडा से इस संस्था के वैश्विक अध्यक्ष प्रख्यात साहित्यकार एवं पत्रकार प्रज्ञान पुरुष पंडित सुरेश नीरव, लखनऊ से प्रख्यात कवि उमानाथ त्रिपाठी, मुंबई से विख्यात कवियित्री ऋचा सिन्हा “गजल”, इंदौर मध्यप्रदेश से विख्यात कवि दिनेश दवे, उज्जैन से प्रख्यात हास्य कवि राजेंद्र विश्वकर्मा और सवाईमाधोपुर से साहित्यकार डॉ. मधु मुकुल चतुर्वेदी ने भाग लिया। पंडित सुरेश नीरव की अध्यक्षता में आयोजित इस कवि सम्मेलन का संचालन डॉ. मधु मुकुल चतुर्वेदी ने किया।
कवि दिनेश दवे ने गीत
“किसने प्यारी ये गजल फिर गुनगुनाई है
जैसे यादों की कहानी दोहराई है
होती ख्वाबों में मुलाकातें हसीं हरदम
पर दिल से आवाज ये किसने लगाई है”
प्रस्तुत किया। कवियित्री डॉ. ऋचा सिन्हा “ग़ज़ल” ने ग़ज़ल
“सूनी राहों में फ़क़त तनहाइयाँ रह जाएँगी।
टूटती साँसों में बस बेताबियाँ रह जाएँगी।
तीरगी में जब कोई आवाज़ देगा यूँ कभी
ख़ाली घर में सिर्फ़ कुछ परछाइयाँ रह जाएँगी।”
प्रस्तुत की। हास्य कवि राजेंद्र विश्वकर्मा ने कविता
“बड़ा ही ख़ुदगर्ज वो बंदा निकला,
बस फरेब ही उसका धंधा निकला,
निशाना बने जिस बंदूक का हम,
उसी बंदूक का वो कंधा निकला।”
प्रस्तुत की। कवि उमानाथ त्रिपाठी ने गीत
“चलते चलते यूं ही कहां आ गए हम
ज़िन्दगी के ढलान पर खड़े हो गये हम,
जीवन की आपाधापी में समय फिसल गया है
कहाँ से चले और कहाँ आ गये हम ।”
प्रस्तुत किया। कवि सम्मेलन का संचालन कर रहे डॉ. मधु मुकुल चतुर्वेदी ने गीत
“तुम प्रगति पंथ पर एक चरण अंकित कर दो,
शत शत चरणों का साथ तुम्हें मिल जायेगा।
तुम मधुर रागिनी सुभग सृजन की छेड़ो तो,
अगणित कंठों का राग तुम्हें मिल जायेगा।”
प्रस्तुत किया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे प्रख्यात साहित्यकार एवं पत्रकार पंडित सुरेश नीरव ने गीत
“समय जब साथ देता है, मुकद्दर जाग जाता है
ये सूरज भागता है, जब फलक पर चांद आता है।
परखने में तुम औरों को,समय बर्बाद मत करना
बड़ा इंसान वही होता जो खुद को जान जाता है।”
प्रस्तुत किया। देर रात तक चले इस कवि सम्मेलन को देश – विदेश के अनेक क्षेत्रों से असंख्य लोगों ने देखा, सुना और आनंद लिया।