जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला कलेक्टर डॉ. एस.पी. सिंह की अध्यक्षता में विभिन्न प्रकाशक एवं मुद्रकों की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। जिसमें उन्होंने पम्पलेट, पोस्टर आदि के मुद्रण के नियंत्रण के संबंध में निर्देश दिए।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव के सिलसिले मेें विभिन्न राजनैतिक दलों, अभ्यर्थियों, उनके समर्थकों, कार्यकर्ताओं व्यक्तियों, संगठनों, संस्थानों द्वारा ऐसे पम्पलेट, पोस्टर विज्ञापन हैंडबिल आदि प्रकाशित कराने के लिए मुद्रित कराया जाना संभावित है, जो किसी राजनैतिक दल, अभ्यर्थी के प़क्ष में या विपक्ष में चुनाव अभियान को प्रोत्साहित करने वाले हो सकते हैं। ऐसे पम्पलेटों, पोस्टरों इत्यादि के मुद्रण पर नियंत्रण के संबंध में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127-क के प्रावधानों के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी ऐसे निर्वाचन पम्पलेट या पोस्टरों को प्रकाशित या मुद्रित नहीं करेगा या मुद्रित या प्रकाशित नहीं करायेगा, जिसके मुख पर उसके मुद्रक और प्रकाशन का नाम और पता न दिया हो।
कोई भी व्यक्ति किसी निर्वाचन पम्पलेट या पोस्टर का मुद्रण तक नहीं करेगा या करवायेगा जब तक कि उसके प्रकाशन के पहचान की घोषणा उसके द्वारा हस्ताक्षरित और दो व्यक्तियों द्वारा जिनको वह व्यक्तिगत रूप से जानता हो, सत्यापित कर दो प्रतियों में उसके द्वारा मुद्रण को नहीं दे दी जाती और जब तक कि दस्तावेज के मुद्रण के पश्चात युक्तिसंगत समय के भीतर घोषणा की एक प्रति दस्तावेज की एक प्रति के साथ, मुद्रक द्वारा, जहां वह मुद्रित हुआ हो उस राज्य की राजधानी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, को और किसी अन्य मामले में उस जिले के जिला मजिस्ट्रेट को जहां वह मुद्रित किया गया हो भेज न दिया जावे। किसी दस्तावेज की प्रतियों की संख्या को बढ़ाने के लिए हाथ द्वारा नकल करने को छोड़कर कोई भी प्रक्रिया को मुद्रक समझा जायेगा और मुद्रक पद का तद्नुसार अर्थ लगाया जायेगा और निर्वाचन पम्पलेट या पोस्टर का तात्पर्य किसी मुद्रित पम्पलेट हैंड बिल या अन्य दस्तावेज से है जो किसी अभ्यर्थी या अभ्यार्थियों के समुह के निर्वाचन को प्रोत्साहित करने या पक्षपात, प्रतिकूल करने के लिए वितरित किया जाये या किसी इश्तहार या पोस्टर से है जिसमें किसी निर्वाचन को कोई संदर्भ हो, किन्तु उसमें ऐसा कोई हैंडबिल, इश्तहार या पोस्टर सम्मिलित न होगा जिसमें कि किसी निर्वाचन सभा की तिथि, समय, स्थान और अन्य का विवरण या निर्वाचन अभिकर्ताओं या कार्यकर्ताओं को सामान्य अनुदेश घोषित किय गये हों। कोई व्यक्ति, जो उपधारा (1) या उपधारा (2) के प्रावधानों का उल्लंघन करता है कारावास से जिसको 6 माह तक बढाया जा सकता है या जुमाने से जिसे दो हजार रूपये तक बढ़ाया जा सकता है या दोनों सहित दण्डनीय होगा। यह सुनिश्चित किया जावे कि आपके द्वारा मुद्रित प्रत्येक निर्वाचन पम्पलेट, पोस्टर या ऐसी अन्य सामग्री पर मुद्रकीय हाशियों में उसके मुद्रक एवं प्रशंसकों के नाम एव ंपते स्पष्ट रूप से अंकित किये जाये। किसी भी निर्वाचन पम्पलेट, पोस्टर इत्यादि के मुद्रण के कार्य को लेने से पूर्व निर्वाचन आयोग के विहित प्रपत्र में प्रकाशन से घोषणा प्राप्त की जावें। यह घोषणा प्रकाशन को व्यक्तिगत रूप से जानते हो तथा परिशिष्टि – क में घोषणाा और मुद्रित सामग्री की 4 प्रतियां उसके मुद्रित किये जाने के 3 दिनों के भीतर जिला मजिस्ट्रेट को आप द्वारा प्रेषित की जायेगी तथा घोषणा को जिला मजिस्ट्रेट को अग्रेसित करते समय आप द्वारा भी इसे प्रमाणित किया जायेगा। मुद्रित सामग्री की 4 प्रतियों एवं परिशिष्ट – क में उपरोक्त घोषणा पत्र के साथ निर्वाचन आयोग के परिष्ट – ख में विहित प्रपत्र में मुद्रित दस्तावेजों की प्रतियों की संख्या और ऐसे कार्य के लिए कीमत से संबंधित सूचना भी आप द्वारा जिला मजिस्ट्रेट को निर्धारित तिथि के भीरत प्रस्तुत की जायेगी। मुद्रित प्रत्येक निर्वाचन पम्पलेट, पोस्टर, हैंडबिल, प्लेकार्ड, विज्ञापन आदि के संबंध में वर्णित सूचना (परिशिष्ट – क, परिशिष्ट – ख एवं मुद्रित सामग्री की 4 प्रतियां) प्रत्येक ऐसे दस्तावेज के मुद्रण के तीन दिनों के भीतर सामूहित रूप से नहीं बल्कि अलग-अलग रूप से जिला मजिस्ट्रेट को प्रेषित की जावे। उन्होंने निर्देश दिए है कि दिये गये निर्देशों का किसी भी प्रकार से उल्लंघन, अतिक्रमण किये जाने पर कड़ी कानूनी कार्यवाही की जायेगी, जिसमें सुसंगत नियमों के अधीन मुद्रणालयों के अनुज्ञा पत्र को समाप्त किये जाने की कार्यवाही भी शामिल है।
बैठक में 26 में से 9 ही मुद्रक एवं प्रकाशक आये ऐसे में जिला निर्वाचन अधिकारी ने 17 को कारण बताओ नोटिस जारी करने तथा इस संबंध में दुबारा 22 मार्च को अपरान्हत 3 बजे बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए।