कुछ समय पहले शहरभर के पार्कों की देखरेख और सार संभाल के लिए लाखों रूपए का बजट पास किया गया था। बजट के कुछ हिस्से को महावीर पार्क सहित अन्य कई पार्कों में लगाया गया।
पार्क की मरम्मत भी करवाई गई, नए पौधे भी लगवाए गए, पार्क में मिट्टी भी डलवाई गई, नई घांस और नई बैठने के लिए बैंच भी लगवाई गई। लेकिन धीरे-धीरे महावीर पार्क का देखरेख के अभाव में फिर से वैसा ही हाल होता जा रहा है, जैसा पहले था। बजट में से लाखों रूपए महावीर पार्क की सुन्दरता को बढ़ाने के लिए लगाया था, लेकिन नगर परिषद की अनदेखी और उदासीनता के चलते नए लगाए गए पौधे सूख चुके हैं। हरी भरी घांस गर्मी की तपिश से सूख चुकी है। आने-जाने वाले राहगीरों को सही से बैठने के लिए पूरे पार्क परिसर कहीं भी अच्छी घांस नहीं मिल रही है। ऐसे में महावीर पार्क को लेकर नगर परिषद के अधिकारी और कर्मचारी जानबूझ कर भी अंजान बने हुए हैं।