डेढ़ वर्ष से बंद पड़ी राजस्थान जेल बंदियो की मुलाकातें फिर से शुरू
सर्वाेच्च न्यायालय की शिकायत का असर
पिछले काफी समय से पुरे राजस्थान के जेल बंदियो के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले हिंदुस्तान शिवसेना के राष्ट्रीय प्रमुख और दिल्ली हाईकोर्ट के वकील एडवोकेट राजेन्द्रसिंह तोमर राजा भैया की मेहनत एक बार फिर रंग लाई हैं और कोरोना महामारी के नाम से पिछले डेढ वर्षों से राजस्थान जेल मुख्यालय के आदेश से प्रदेश की सभी जेलो में बंदियो की मुलाकातें उनके परिजनो और अधिवक्ताओं के लिए जो बंद पड़ी थी उन्हें इसी माह 10 नवम्बर से पुनः चालू कर दिया गया है। राजा भैया ने बताया की इस बाबत वो पिछले लगभग चार महीनों से जेल बंदियो की मुलाकातें चालू करवाने के लिए प्रयासरत थे। इसके लिए उन्होंने राज्य के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, गृहसचिव, जेल महानिदेशक, जेल महानिरीक्षक और राज्य मानवाधिकार आयोग में कई बार शिकायतें की थी। परंतु कोई कार्यवाही नहीं की गईं मजबूरन उन्होंने इस बाबत जनहित और न्यायहित में सुप्रिम कोर्ट दिल्ली और राष्ट्रीय मनवाधिकार आयोग दिल्ली में पीटिशन दर्ज कराई थी।
जिस पर ड़ीजी जेल राजस्थान को नोटिस जारी किए थे। नोटिस जारी होते ही राजस्थान जेल के महानिदेशक भूपेन्द्र कुमार ने 10 नवम्बर को जेल मुख्यालय से अपना आदेश जारी कर राजस्थान की सभी जेलों में तत्काल बंदियो की मुलाकात उनके परिजनो व अधिवक्ताओं के लिए पुनः चालू करने के आदेश जारी कर दिए और आदेश की एक प्रति सूचनार्थ उन्हें भी भेजी है। एडवोकेट तोमर ने पुनः बंदियो की मुलाकातें शुरू करने वाले जेल मुख्यालय के आदेश की प्रति पत्रकारों को दिखाते हुए ने इस बात का खुलासा किया। अब प्रदेश की सभी जेलो में डेढ सालों से बंद पड़ी बंदियो की मुलाकातें फिर से चालू की जा चुकी हैं इससे बंदियो और उनके परिजन जो अब तक मानसिक तनाव से गुजर रहे थे उससे बचेंगे। साथ ही साथ बंदी अपने अधिवक्ताओं से मिल कर कानूनी व न्यायिक प्रकिरिया का भी लाभ ले सकेंगे।