चाइल्ड लाइन एवं बाल कल्याण समिति के भागीरथी प्रयास से 6 माह बाद गायब बालक लखन अपने परिजनों से मिल पाया। बालक के मिलने के बाद परिजनों ने चाइल्ड लाइन के सदस्यों का आभार जताया। बाल कल्याण समिति के आदेश से बालक को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
जानाकरी अनुसार 20 सितम्बर को बालक लखन अपने गांव कुश्तला से नानी के पास जाने के लिए बिना बताए निकल गया और कोटा स्टेशन से गलत ट्रेन में बैठकर त्रिरुवन्तपुरम पहुंच गया। बालक को वहां की बाल कल्याण समिति ने संरक्षण में लेकर बालक द्वारा बताए गए प्रदेश राजस्थान में सम्पर्क किया। सवाई माधोपुर चाइल्ड लाइन के सदस्यों ने बालक से मोबाइल पर बात की तो पता चला कि बालक सवाई माधोपुर का है, लेकिन अपना पता बता पाने में नाकाम रहा। परियोजना निदेशक अरविन्द सिंह चौहान ने आस-पास के थाने में बालक की गुमशुदगी के बारे में पता किया, तो किसी भी थाने में मामला दर्ज नहीं था। इस दौरान बालक ने लकड़ी की टाल के बारे में बताया तो पूछताछ करने पर मालूम चला कि एक बालक लखन नाम का कुश्तला से गायब है। इस पर चाइल्ड लाइन ने बालक के परिजनों से बात की और उनको ऑफिस बुलाया। इस दौरान बालक से बात कराई गई तो बालक और परिजनों ने एक दूसरे की पहचान कर ली।
काफी लम्बे प्रयास के बाद 1 मार्च शुक्रवार को तिरुवन्तपुरम चाइल्ड लाइन के सहयोग से बालक को सवाईमाधोपुर लाया गया और बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया।
समिति के अध्यक्ष राकेश सोनी के आदेश से बालक को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। इस दौरान बालक की माता पिता की आँखो में खुशी के आंसू छलक पड़े। उन्होंने चाइल्ड लाइन टीम एंव बाल कल्याण समिति का अभार जताया।