भारतीय जनता पार्टी (BJP) अगले सप्ताह आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पांचवीं लिस्ट जारी कर सकती है। इस लिस्ट को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रहीं हैं। इसे धमाकेदार लिस्ट कहा जा रहा है। पांचवीं लिस्ट को लेकर पूछे जाने पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया की सूची धमाकेदार ही होगी। आगे धमाके ही धमाके होने वाले हैं, दिवाली का त्योहार आने वाला है, ऐसे में सूची विस्फोटक होगी। आतिशबाजी की उम्मीद है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी की राज्य इकाई के सूत्रों की मानें तो मौजूदा 25 से 30 विधायकों का टिकट कट सकता है। इसके पीछे का कारण उनके निर्वाचन क्षेत्रों में जनता में असंतोष को बताया जा रहा है। रिपोर्ट की मानें तो पार्टी को लगता है कि इनमें से लगभग आधे विधायक अपनी सीटें नहीं बचा पाएंगे। ऐसे में पार्टी नए चेहरों को मौका दे सकती है।
सिंधिया और उनके करीबियों को लेकर भी अटकलें
पांचवी सूची से पहले जिन लोगों के राजनीतिक भविष्य को लेकर तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं, उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ-साथ उनके करीबी नौ मंत्री भी शामिल हैं। इन 9 मंत्रियों में महेंद्र सिंह सिसोदिया, ओपीएस भदौरिया, बृजेंद्र सिंह यादव और सुरेश धाकड़ जैसे प्रमुख नाम हैं। ये सभी 2020 में सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए थे। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर भी चर्चा है कि उनका नाम इस सूची में हो सकता है। सिंधिया अभी राज्यसभा सांसद हैं और उनके पास नागरिक उड्डयन मंत्री का चार्ज है। उन्होंने कभी राज्य का चुनाव नहीं लड़ा है। हालांकि बीजेपी ने इस बार जिस तरह से मध्य प्रदेश और राजस्थान में अपने सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को उतारा है, उससे लग रहा है कि इस बार पार्टी उन्हें भी विधानसभा चुनाव में उतार सकती है।
इन तीन सीटों से टिकट मिलने की है चर्चा
सिंधिया को लेकर चर्चा है कि उन्हें शिवपुरी से टिकट मिल सकता है। शिवपुरी से अब तक उनकी बुआ यशोधरा राजे सिंधिया चुनाव जीत रहीं थीं, लेकिन इस बार स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. ऐसे में चर्चा है कि इस सीट पर सिंधिया को उतारा जा सकता है। इसके अलावा ये भी चर्चा है कि पार्टी उन्हें गुना की दो अन्य सीटों बमोरी या कोलारस में से किसी एक पर उतार सकती है। ये दोनों सीटें भी गुना लोकसभा क्षेत्र में आती हैं, जहां से 2002 से 2014 तक ज्योतिरादित्य सिंधिया सांसद के रूप में जीत रहे थे।